दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी पेशी के लिए वारंट जारी किया. विशेष सीबीआई न्यायाधीश मनु राय सेठी ने दो मार्च को चौटाला को पेश होने के लिए वारंट जारी किया.
भ्रष्टाचार के एक अन्य मामले में 10 साल की सजा सुनाये जाने बाद से जेल में बंद 78 वर्षीय चौटाला को अदालत नहीं लाया गया था. अदालत ने कहा, ‘तिहाड़ की जेल नंबर 4 (जहां चौटाला बंद हैं) के अधीक्षक के पक्ष में पेशी वारंट जारी किया जाए और आरोपी ओपी चौटाला को दो मार्च को पेश करने का निर्देश दिया जाए.’
इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष चौटाला की गैर.मौजूदगी के कारण अभियोजन पक्ष के गवाहों से बुधवार को पूछताछ नहीं हो सकी. सीबीआई ने 26 मार्च, 2010 को चौटाला के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और उन्हें 1993 से 2006 के बीच कथित रूप से उनकी वैध आय से काफी अधिक 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाने के लिए जिम्मेदार ठहराया.
इसी तरह के दो मामले उनके बेटों अजय और अभय चौटाला के खिलाफ भी चल रहे हैं. उधर वर्ष 2000 में राज्य में 3,206 जेबीटी शिक्षकों की अवैध तरीके से नियुक्ति के मामले में 22 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत ने ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी.
सीबीआई ने हरियाणा कांग्रेस के नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर चौटाला और उनके बेटों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किये थे. पहले इन तीनों मामलों पर अलग-अलग अदालत में सुनवाई हो रही थी और बाद में सीबीआई की अपील पर मामलों को एक अदालत में भेज दिया गया.
सीबीआई ने कहा था कि सभी मामलों को एक न्यायाधीश के समक्ष भेज दिया जाए क्योंकि तीन अलग-अलग अदालतों में सुनवाई से इन्हें पूरा करने में काफी देरी होगी. सीबीआई ने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि उक्त अवधि के दौरान चौटाला की आय उनकी 3.22 करोड़ रुपये की आय से 189 प्रतिशत अधिक थी.
सीबीआई ने यह भी कहा था कि अजय के पास उनकी वैध आय से 339.27 प्रतिशत अधिक संपत्ति थी. मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी वैध आय 8.17 करोड़ रुपये रही, हालांकि उन्होंने 27.7 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटा ली.
अभय की संपत्ति 2000 से 2005 के बीच के आयकर आंकड़ों के अनुसार 22.89 करोड़ रुपये की उनकी कमाई से पांच गुना अधिक की थी.