एक विशेष एनआईए अदालत ने आज इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल और दो अन्य के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया. अदालत ने भारत के खिलाफ आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की कथित साजिश के मामले में उन्हें दो अप्रैल को पेश करने का आदेश दिया है.
सूत्रों ने बताया कि बंद कमरे में सुनवाई के दौरान जिला न्यायाधीश आईएस मेहता ने पेशी वारंट तब जारी किया जब भटकल, उसके करीबी सहायक असदुल्ला अख्तर और संदिग्ध इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी ओबैद-उर-रहमान के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए आरोप पत्र दायर किया. उन्हें आज अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया.
उन्होंने यह भी कहा कि भटकल और अख्तर फिलहाल मुंबई में महाराष्ट्र एटीएस की हिरासत में हैं जबकि ओबैद-उर-रहमान अपने खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में बेंगलुरु में है. अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई की तारीख 2 अप्रैल को निर्धारित की है और एनआईए से कहा है कि वह आरोप पत्र और उसके साथ दाखिल अन्य दस्तावेजों की प्रतियां आरोपी के वकील को सौंपे.
सूत्रों ने बताया कि आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि 277 पन्नों के पूरक आरोप पत्र के साथ दायर दस्तावेजों की एनआईए जांच कर रही है. अदालत ने 24 फरवरी को एनआईए के आरोप पत्र का संज्ञान लिया था जिसमें भटकल, अख्तर, मंजर इमाम और उज्जैर अहमद को देश के खिलाफ कथित तौर पर जंग छेड़ने, आतंकवादी कृत्यों के लिए साजिश रचने, आतंकवादी संगठन की सदस्यता और आईएम के लिए युवाओं की भर्ती और उनका चरमपंथीकरण करने के लिए आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है.