scorecardresearch
 

कोर्ट नीतिगत मामले पर विधायिका के काम में दखल ना दे: मनमोहन

अनाज़ सड़ता है तो सड़ता रहे. भूख से लोग मरते हैं तो मरते रहें. लेकिन कोई कुछ बोलेगा तो सरकार को बर्दाश्त नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अनाज़ को ग़रीबों में बांटने का जो आदेश दिया, वो पीएम को अच्छा नहीं लगा.

Advertisement
X

Advertisement

अनाज़ सड़ता है तो सड़ता रहे. भूख से लोग मरते हैं तो मरते रहें. लेकिन कोई कुछ बोलेगा तो सरकार को बर्दाश्त नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अनाज़ को ग़रीबों में बांटने का जो आदेश दिया, वो पीएम को अच्छा नहीं लगा. उन्हें ये सरकार के काम में न्यायपालिका की दखलअंदाज़ी नज़र आ रही है.

डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि नीतियां बनाना संसद का काम है. लिहाज़ा सरकार के काम-काज में सुप्रीम कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए.

आजतक आपको लगातार दिखाता रहा है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में अरबों रुपए का गेहूं सड़ रहा है. उसे ठीक से रखने के लिए जगह नहीं मिल रही और गोदामों में शराब की बोतलों की हिफ़ाज़त की जा रही है.

इसी मुद्दे पर 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सरकार अगर अनाज को सड़ने से बचा नहीं सकती तो बेहतर है वो उसे ग़रीबों में मुफ़्त बांट दे. लेकिन कोर्ट के इस आदेश पर ग़ौरफ़रमाना सरकार ने मुनासिब नहीं समझा.

Advertisement

कृषिमंत्री शरद पवार ने कहा कि अनाज मुफ्त बांटना मुमकिन नहीं है. तब सुप्रीम कोर्ट ने फ़िर साफ़ किया. अनाज बांटने के लिए उसने सुझाव नहीं आदेश दिया था.

आज एडिटर्स की बैठक में जब पीएम के सामने ये सवाल उठा तो उन्होंने दो टूक कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार के काम में दखल नहीं देना चाहिए.

Advertisement
Advertisement