सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर दिए गए बयान की सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने निंदा की है. सीताराम येचुरी ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शनों को गलत बता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आर्मी प्रमुख बिपिन रावत का बयान यह दर्शाता है कि नरेंद्र मोदी सरकार में किस तरह से परिस्थितियां खतरे में है, जहां संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति भी अपनी संवैधानिक भूमिका से बाहर जा रहा है.
The Army Chief’s statement underlines as to how the situation has degenerated under the Modi government where the highest officer in uniform can so brazenly breach the limits of his institutional role. (1/n) pic.twitter.com/mTavYdZ5GN
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) December 26, 2019
सीताराम येचुरी ने कहा कि अब इस पर सवाल उठाना चाहिए कि कहीं हम पाकिस्तान के रास्ते पर तो नहीं बढ़ रहे, जहां सेना का राजनीतिकरण किया जा रहा है. येचुरी ने इसके लिए जनरल बिपिन रावत से देश से माफी मांगने की बात भी कही.
नागरिकता संशोधन कानून पर सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि नेता वे नहीं हैं जो भीड़ को गलत दिशा में ले जाएं. हम कई घटनाओं के गवाह हैं, जहां छात्र नेताओं ने गलत दिशा में भीड़ का नेतृत्व किया, जिससे आगजनी और हिंसा हुई.It is, therefore, necessary to raise the question as to whether we are going the Pakistan way of politicizing the military. Such obnoxious interference in matters of democratic struggles from top ranking military professionals is unheard of in history of independent India (2/n)
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) December 26, 2019
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आगे कहा था कि यह सच्चा नेतृत्व नहीं है. लीडर वे लोग हैं, जो लोगों और टीम की देखभाल और सुरक्षा करते हैं. सेना को अपनी संस्कृति पर गर्व है.