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2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन कर सकती है CPM

3 साल के भीतर ही CPM अपने पुराने स्टैंड से हटकर दोबारा सेकुलर पार्टियों के साथ जाने की तैयारी कर रही है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है.

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CPM महासचिव ने सेकुलर पार्टियों से गठबंधन का रखा प्रस्ताव
CPM महासचिव ने सेकुलर पार्टियों से गठबंधन का रखा प्रस्ताव

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2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सरगर्मियां तेज हैं और तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. वामपंथी दल CPM को लेकर भी यही सवाल हो रहा है कि क्या वह 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करेगी.

नई दिल्ली में CPM के पार्टी मुख्यालय में 2 दिनों से चल रही केंद्रीय समिति की बैठक में भी इन्हीं अटकलों पर माथापच्ची चल रही है. बैठक में हिस्सा लेने वाले सूत्रों की मानें तो यह वामपंथी दल 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन में जाने का मन बना रही है.

सूत्रों के मुताबिक 3 साल के भीतर ही CPM अपने पुराने स्टैंड से हटकर दोबारा सेकुलर पार्टियों के साथ जाने की तैयारी कर रही है, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 3 साल पहले विशाखापट्टनम में हुई पार्टी कांग्रेस में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि वामपंथी दल न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस के साथ किसी तरह का तालमेल या गठबंधन करेंगे.

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क्या हुआ CPM की केंद्रीय समिति की बैठक में

हाथ लगी जानकारी के मुताबिक CPM की केंद्रीय समिति की बैठक में पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP को हराने के लिए वामपंथी दलों को सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ तालमेल रखकर बढ़ना होगा. हालांकि इस प्रस्ताव में सीधे-सीधे कांग्रेस का उल्लेख नहीं है, लेकिन येचुरी के करीबी सूत्रों के अनुसार येचुरी अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत तमाम धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ वैचारिक और चुनावी समझौता कर चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं.

येचुरी और करात में मतभेद

केंद्रीय समिति की बैठक में येचुरी और पूर्व महासचिव प्रकाश करात के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए. कांग्रेस समेत तमाम धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ जाने के येचुरी के प्रस्ताव के खिलाफ करात ने एक दूसरा प्रस्ताव केंद्रीय समिति की बैठक में रख दिया, जिसमें वामपंथी दलों को किसी भी पार्टी से चुनावी तालमेल न रखने की बात कही गई है. प्रकाश करात ने इस प्रस्ताव में कहा है कि सीपीएम को न ही BJP के साथ गठबंधन करना चाहिए और न ही कांग्रेस के साथ. प्रकाश करात द्वारा पेश किया गया प्रस्ताव इसलिए भी अहम है क्योंकि इस प्रस्ताव को सीपीएम की पोलित ब्यूरो में बहुमत से मंजूरी मिल चुकी है.

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क्या है पोलित ब्यूरो का मत

हाल ही में हुई सीपीएम पोलित ब्यूरो की बैठक में येचुरी ने यह प्रस्ताव रखा था की पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत तमाम धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ खड़ा होना होगा, लेकिन 16 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में येचुरी अपने इस प्रस्ताव को लेकर अकेले पड़ गए. प्रकाश करात ने येचुरी के उस प्रस्ताव को पोलित ब्यूरो में खारिज कर दिया और कहा कि वामपंथी दलों को न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस से समझौता करने की जरूरत है. प्रकाश करात के उस प्रस्ताव को पोलित ब्यूरो ने बहुमत से पास किया और येचुरी के प्रस्ताव को अल्पमत में सहमति मिली

अब आगे क्या करेगी सीपीएम

पार्टी महासचिव येचुरी का प्रस्ताव गिरने के बाद अब नजर सीपीएम की केंद्रीय समिति की अगली बैठक पर है. सूत्रों के मुताबिक केरल और त्रिपुरा में पार्टी काडर चाहता है कि लोकसभा चुनाव में CPM कांग्रेस समेत तमाम धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ खड़ी रहे, ताकि वोटों का बंटवारा ना हो. लेकिन पार्टी में प्रकाश करात का गुट येचुरी के इस प्रस्ताव के खिलाफ है. सोमवार को येचुरी और प्रकाश करात दोनों के प्रस्ताव पर केंद्रीय समिति में वोटिंग हो सकती है. वोटिंग के बाद केंद्रीय समिति द्वारा प्रस्तावित रिजर्वेशन को सीपीएम अगले साल हैदराबाद में होने वाली पार्टी कांग्रेस में रखेगी. सीपीएम इस पार्टी कांग्रेस के बाद ही 2019 के चुनाव के लिए अपनी दिशा और दशा तय करेगी.

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फिलहाल पार्टी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय समिति के ज्यादातर सदस्य येचुरी के उस प्रस्ताव से सहमत हैं, जिसमें 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए सीपीएम तमाम धर्मनिरपेक्ष और विपक्षी दलों के साथ चलने की बात कही गई है.

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