बिहार में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के गठबंधन का अब तक कोई 'देशव्यापी' असर नजर नहीं आ रहा है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने लेफ्ट की ओर जो डोरे डाले थे, उसमें बंधने से सीपीएम ने साफ इनकार कर दिया है.
दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा था कि राजनीति में कोई पार्टी 'अछूत' नहीं होती है. अगर सीपीएम की ओर गठबंधन का कोई प्रस्ताव मिलता है, तो तृणमूल कांग्रेस उस पर विचार कर सकती है. अब सीपीएम ने ममता के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया है. सीपीएम नेता गौतम देब ने कहा है कि ममता बनर्जी का बयान ऐसा नहीं है, जिसे गंभीरता से लिया जाए.
इतना ही नहीं, सीपीएम पश्चिम बंगाल राज्य समिति के सचिवालय सदस्य गौतम देब ने ममता बनर्जी पर 'जुबानी हमला' करते हुए कहा कि सारदा घोटाले में फंसने के बाद अब ममता लेफ्ट की मदद लेना चाह रही है.
गौरतलब है कि अब तक ममता बनर्जी की पूरी सियासत ही लेफ्ट के विरोध पर केंद्रित रही है. ममता लेफ्ट फ्रंट की 3 दशक पुरानी सरकार को उखाड़कर ही सत्ता में आई थीं.