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रसोई गैंस सिलेंडरों पर बढ़ी कीमत के विरोध में उतरी सीपीएम

सीपीएम का कहना है कि जहां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का सीधा फायदा देश की जनता को मिलना चाहिए वहीं सरकार रसोई गैस की कीमतें बढ़ाकर और सब्सिडी खत्म करके आम आदमी पर बोझ डाल रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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रसोई गैस सिलेंडरों की कीमत हर महीने चार रुपए बढ़ाने के मोदी सरकार के फैसले के विरोध में विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल दिया है. संसद में जहां इस फैसले की कड़ी आलोचना हो रही है तो वहीं संसद के बाहर सड़क पर भी राजनीतिक दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. मंगलवार को वामपंथी दल सीपीएम ने भी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध जताते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. सीपीएम की पोलित ब्यूरो ने बयान जारी कर सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा की है.

पोलित ब्यूरो ने कहा, "सब्सिडी पूरी तरह खत्म करने का, रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में हर महीने 4 रुपए का इजाफे का फैसला सरकार द्वारा चलाए गए रसोई गैस सब्सिडी छोड़ो अभियान के खिलाफ है. मोदी सरकार ने लोगों से रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए अभियान चलाया था जिस से गरीबों को कम दरों पर रसोई गैस सिलेंडर का फायदा मिल सके, लेकिन अब सरकार गरीबों का हक भी मारने लगी है."

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सीपीएम ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि रसोई गैस की कीमतों में इजाफा ऐसे समय में किया जा रहा है जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें धराशाई हैं. सीपीएम का कहना है कि जहां अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की घटी कीमतों का सीधा फायदा देश की जनता को मिलना चाहिए वहीं सरकार रसोई गैस की कीमतें बढ़ाकर और सब्सिडी खत्म करके आम आदमी पर बोझ डाल रही है. सीपीएम पोलित ब्यूरो ने केंद्र सरकार से इस फैसले को जन विरोधी करार देते हुए वापस लेने की मांग की है.

 

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