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विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर CPM ने उठाए सवाल

CPM पोलित ब्यूरो ने कहा है कि यह आश्चर्य करने वाली बात है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान तो कर दिया, लेकिन गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख टाल दी.

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इसी साल के आखिर में एकसाथ होने हैं गुजरात, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव
इसी साल के आखिर में एकसाथ होने हैं गुजरात, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव

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साल के आखिर तक देश के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात और हिमाचल प्रदेश में. निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को चुनाव की तारीखें घोषित कीं, हालांकि सिर्फ हिमाचल प्रदेश के लिए. गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की गईं.

चुनाव आयोग के इस कदम से सभी राजनीतिक पार्टियां अब चुनाव आयोग पर सवाल उठाने लगी हैं और आरोप लगा रही हैं कि चुनाव आयोग भेदभाव कर रहा है. वामपंथी दल सीपीएम ने बयान जारी कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाएं हैं.

CPM पोलित ब्यूरो ने कहा है कि यह आश्चर्य करने वाली बात है कि चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान तो कर दिया, लेकिन गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख टाल दी.

उन्होंने कहा, "सामान्यता अगर किन्हीं दो राज्यों में विधानसभा चुनाव छह महीनों के भीतर तय हों तो उन राज्यों में चुनाव की तारीख की घोषणा एक साथ की जाती है और दोनों राज्यों में एकसाथ आचार संहिता एक ही दिन से लागू होती है. अब तक ऐसा ही होता आया है. हिमाचल प्रदेश में आचार संहिता तो लागू हो गई है, लेकिन गुजरात में स्थिति ऐसी नहीं है और गुजरात में आचार संहिता लागू नहीं की गई."

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हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि गुजरात विधानसभा चुनाव और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों एकसाथ 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

इस पर सीपीएम पोलित ब्यूरो ने कहा कि, "यह तो और भी आश्चर्यजनक है, क्योंकि गुजरात में चुनाव अगर 18 दिसंबर तक पूरे होने हैं तो गुजरात में भी आचार संहिता लग जानी चाहिए."

गुजरात चुनाव को लेकर चुनाव आयोग फिलहाल राजनीतिक दलों के निशाने पर घिरा हुआ है.

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