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ओबीसी आरक्षण में 6 से बढ़कर 8 लाख रुपये होगी क्रीमी लेयर की सीमा

मोदी सरकार ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये सालाना करने का फैसला कर सकती है. सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया है.

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सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत
सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत

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मोदी सरकार ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये सालाना करने का फैसला कर सकती है. सामाजिक न्याय मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया है. वहां से क्लीयरेंस मिलने के बाद अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने लाया जा सकता है.

संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को संसद में रखे जाने की तैयारी हो रही है. इसे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का बड़ा कदम बताया जा रहा है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक 5 राज्यों में होने वाले चुनाव में इस फैसले से बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को बड़ा फायदा हो सकता है. खासतौर पर यूपी, पंजाब और उत्तराखंड के चुनाव में इसका सीधा फायदा मिलने की संभावना है.

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बीते साल ओबीसी कमीशन (NBCC) ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर की सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करने की सिफारिश की थी. आयोग के मुताबिक आरक्षण दिए जाने के दो दशक बाद भी देखा गया है कि तय 27 फीसदी आरक्षण में से 12-15 फीसदी जगहें ही भर पाती हैं. इसके पीछे मुख्य वजह सालाना आय की उच्चतम सीमा का निर्धारण है.

इसके पहले साल 2013 में केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण में क्रीमलेयर की सीमा को 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख किया गया था. मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 1980 में भारत में 52 फीसदी आबादी ओबीसी की थी. आयोग की यह रिपोर्ट 1932 की जनगणना पर आधारित थी. राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन ने 2006 में ओबीसी की आबादी 41 फीसदी बताई थी.

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