चंडीगढ़ रॉक गॉर्डन के निर्माता नेक चंद सैनी का गुरुवार देर रात निधन हो गया. 90 साल के नेक चंद पीजीआई में भर्ती थे. शुक्रवार रात 12.10 मिनट पर नेक चंद सैनी ने अंतिम सांस ली.
नेक चंद का जन्म पाकिस्तान के बेरिया कलां गांव में 15 दिसंबर 1924 को हुआ था. बंटवारे के बाद नेक चंद साल 1950 को भारत में आकर चंडीगढ़ बस गए थे. नेक चंद ने चंडीगढ़ में जिस रॉक गॉर्डन का निर्माण किया, उसे दुनिया के आधुनिक अजूबों में गिना जाता है. रॉक गॉर्डन में रोज करीब 5000 लोग जाते हैं.
90 साल के नेकचंद मधुमेह, हाई ब्लड प्रैशर और कैंसर से पीड़ित थे. वह पिछले कुछ समय से अस्पताल में भर्ती थे. नेकचंद का पार्थिव शरीर शुक्रवार को अंतिम दर्शन के लिए रॉक गार्डन में रखा गया. उनका अंतिम संस्कार शनिवार को चंडीगढ़ में किया जाएगा.
नेकचंद भारत के सर्वाधिक चर्चित कलाकारों में से एक थे. उनकी कृतियां पेरिस, लंदन, न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी और बर्लिन जैसे दुनिया के मशहूर शहरों में भी शुमार हैं. उन पर कई किताबें भी लिखी जा रही हैं. कई देशों ने उन्हें मानद नागरिकता की पेशकश की.
नेक चंद 1950 और 1960 के दशक में चंडीगढ़ में एक निर्माण परियोजना में सड़क निरीक्षक थे. उस समय इस 'खूबसूरत शहर' का डिजाइन फ्रांस के वास्तुकार ली कॉरबिजीयर तैयार कर रहे थे. नेकचंद ने लोगों द्वारा फेंके जाने वाले कचरे से कलात्मक कृतियां बनाने की कला ईजाद की और उत्तरी चंडीगढ़ के वन क्षेत्र में चुपचाप अपनी प्रयोगशाला बनाई, ताकि वह अपनी रचनाओं को आकार दे सकें.
उन्हें 1984 में पद्मश्री से नावाजा गया, लेकिन नेकचंद फाउंडेशन का मानना है कि भारतीय कला जगत में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें और उच्च सम्मान से नवाजा जाना चाहिए. नेकचंद की कलाकृतियों में टूटी हुई चूड़ियों, मिट्टी के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक स्विच, प्लग, ट्यूब लाइट, मार्बल, टाइल्स, घरों में बेकार पड़े सामान, पत्थर, भवन निर्माण सामग्री तथा अन्य चीजों को भी शामिल किया गया.
35 एकड़ में फैला हुआ है रॉक गार्डन
रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर-एक में स्थित है. यह 35 एकड़ क्षेत्र में
फैला हुआ है. इसे नेकचंद द्वारा निर्मित एक ऐसे 'साम्राज्य' के रूप में
जाना जा सकता है, जिसमें ग्रामीण परिवेश तथा अन्य स्थानों के
साथ-साथ भारत के समग्र जीवन एवं पारिस्थितिकी को दर्शाया गया है.
यहां झरना, खुला थियेटर तथा एक छोटा सा तालाब भी है.
इनपुट IANS