scorecardresearch
 

रैगिंग करने वालों पर आपराधिक कार्रवाई हो: सिब्बल

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में विकलांग छात्र का वरिष्ठ छात्रों द्वारा उत्पीड़न किए जाने को गंभीर घटना करार देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को रैगिंग मामलों पर यूजीसी नियमन का सख्ती से अमल करना चाहिए और रैगिंग में लिप्त पाये जाने वाले छात्रों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होनी चाहिए.

Advertisement
X

Advertisement

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में विकलांग छात्र का वरिष्ठ छात्रों द्वारा उत्पीड़न किए जाने को गंभीर घटना करार देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को रैगिंग मामलों पर यूजीसी नियमन का सख्ती से अमल करना चाहिए और रैगिंग में लिप्त पाये जाने वाले छात्रों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई होनी चाहिए.

सिब्बल ने ‘भाषा’ से कहा ‘‘शैक्षणिक संस्थाओं में रैगिंग एक गंभीर ‘सामाजिक बुराई’ है और ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाये जाने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि रैगिंग के मामलों में सरकार की नीति कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में रैगिंग संबंधी यूजीसी नियमन पर सख्ती से अमल किया जाना चाहिए.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, डेंटल काउंसिल आफ इंडिया, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद समेत कई अन्य संस्थाओं को यूजीसी नियमन का पालन करने के संबंध में पत्र लिखा था.

Advertisement

सिब्बल ने कहा कि अगर सभी शिक्षण संस्थान यूजीसी नियमन का समुचित तरीके से पालन करते हैं तो रैगिंग पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है.

बहरहाल, यूजीसी ने रैगिंग पर एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया हैं. यूजीसी ने कहा है कि रैगिंग एक दंडनीय अपराध है और उच्च शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग की बुराई पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 2009 में नियमन बनया गया है.

यूजीसी ने सभी शैक्षणिक संस्थाओं के लिए इस नियमन का पालन करना जरूरी बताया है. इस विषय पर शिकायत दर्ज कराने के लिए एक टॉल फ्री नंबर 1800-180-5522 भी जारी किया गया है. बताया जाता है कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में करीब एक साल से एक विकलांग विद्यार्थी का उसके वरिष्ठ छात्र उत्पीड़न करते रहे. बक्सर निवासी इस अशक्त छात्र ने इस विषय में बीएचयू के डीन और रैगिंग निरोधक सेल से शिकायत की लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं होने पर उसने मामला मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया.

चीफ प्राक्टर को लिखी शिकायत में बीकाम द्वितीय वर्ष के इस छात्र ने कहा कि अगर उसकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है तो वह आत्महत्या कर लेगा.

Advertisement
Advertisement