हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के मामले में बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कांग्रेस उपाध्यक्ष की अपील पर सुनवाई से पहले वह आपराधिक मानहानि से जुड़े दंडनीय प्रावधानों की संवैधानिक वैधता पर फैसला करेगा.
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की जब आपराधिक मानहानि से संबंधित आईपीसी की धारा 499 और 500 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी. पीठ ने 7 मई को इस मुद्दे पर राहुल की याचिका को लिया था.
हाई कोर्ट के 10 मार्च के आदेश के खिलाफ अपनी अपील पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान राहुल ने रिट याचिका दाखिल कर आपराधिक मानहानि के दंडनीय प्रावधानों के पुनर्विचार की मांग की थी. शीर्ष अदालत ने ठाणे की निचली अदालत में राहुल के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी, लेकिन वह 8 मई को निचली अदालत के आदेश का पालन करते हुए उसमें पेश हुए थे.
कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिम्मेदार ठहराने के मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत में सुनवाई पर रोक लगाई जाए. मानहानि के कानून के संबंध में बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिकाओं पर भी 8 जुलाई को सुनवाई होगी.
राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भिवंडी की मजिस्ट्रेट अदालत में मामला लंबित है, जिसमें संघ के कार्यकर्ता राजेश कुंते ने आरोप लगाया था कि राहुल ने छह मार्च को सोनाले में एक चुनावी सभा में संघ को गांधीजी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराकर संघ की छवि खराब करने की कोशिश की थी.
इनपुट: भाषा