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डोकलाम के बाद संकट खत्म नहीं हुआ, अब उत्तराखंड सीमा पर चीन का नया रोना

भारतीय सीमा की गतिविधि‍यों को लेकर चीन का रोना-धोना कम नहीं हुआ है और ऐसा लग रहा है कि डोकलाम के बाद भारत-चीन के रिश्तों में स्थायी शांति नहीं आई है. ऐसा लगता है क‍ि आगे उत्तराखंड सहित कई और मोर्चो पर दोनों देशों के बीच टकराव की स्थ‍िति बन सकती है.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

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नव वर्ष की पूर्व संध्या पर वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने टीवी पर देशवासियों के नाम पर अपने 11 मिनट के संदेश में कहा कि चीन दुनिया में शांति निर्माता की तरह काम करेगा, वैश्विक विकास में अपना योगदान करेगा और अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा करेगा. 

हालांकि सच तो यह है कि भारतीय सीमा की गतिविधि‍यों को लेकर चीन का रोना-धोना कम नहीं हुआ है और ऐसा लग रहा है कि डोकलाम के बाद भारत-चीन के रिश्तों में स्थायी शांति नहीं आई है. ऐसा लगता है क‍ि आगे उत्तराखंड सहित कई और मोर्चो पर दोनों देशों के बीच टकराव की स्थ‍िति बन सकती है.

इस बार चीन ने की बेहतर तैयारी!

चीन इस बात को पचा नहीं पा रहा है कि डोकलाम सेक्टर में उसके द्वारा जून में सड़क बनाने के प्रयास में भारत ने अड़ंगा लगा दिया. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेबसाइट ने विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि चीन की अगली बार 'बेहतर तैयारी रहेगी.'

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हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन के राष्ट्रीय प्रतिरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि  'भारत को अपनी सेना पर कठोर अंकुश रखना चाहिए. चीन अब इस तरह के एक और टकराव की तैयारी कर रहा है, उसने भारत द्वारा सीमा के पास बनाई जा रही सड़क पर नाराजगी जाहिर की है.

नेलोंग में राजनाथ की यात्रा का विरोध

एक चीनी एक्सपर्ट ने चेताया है, 'भारत-चीन सीमा पर चौकियों को जोड़ने के लिए भारत द्वारा बनाई जा रही सड़कों से दोनों देशों के बीच फिर से सैन्य टकराव की स्थ‍िति बन सकती है.'  नया साल ITBP जवानों के साथ मनाने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हाल में उत्तराखंड की नेलोंग घाटी की यात्रा का चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विरोध किया है. इस दौरे में राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा था- ' कई सीमा चौकियों को सड़कों से जोड़ दिया गया है और कई को जल्दी जोड़ा जाएगा. इससे अधिकारियों के लिए काम करना आसान होगा.'

चीन उनके इस बयान से नाराज है. हालांकि चीन इस मामले में खुद दोहरा रवैया अपनाता रहा है. मैकमोहन रेखा के उस तरफ तो चीन खुद खूब सड़कें बनवा रहा है, लेकिन भारतीय सीमा में बनने वाली सड़कों का वह विरोध करता रहा है.

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नेलोंग इलाके को भी बताया विवादित

नेलोंग के इस इलाके को भी चीन विवादित बता रहा है. इसकी वजह यह है कि सीमांकन के लिए वैश्विक रूप से स्वीकार किए जा रहे 'वाटरशेड' यानी जल विभाजन के सिद्धांत को चीन मानने से इंकार करता रहा है.

नेलांग में पुलाम समुदा के बाद त्सांगछोक दर्रे के पास जलीय इलाका है. इसके दूसरी तरफ, तिब्बती इलाके में चीन भारी निवेश कर रहा है. चाइना डेली के अनुसार सीमा के पास 628 गावों में बुनियादी ढांचे में भारी निवेश से लोगों की गरीबी दूर होगी.

भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित उत्तरकाशी जिले की नेलांग घाटी एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है. उत्तरकाशी से 90 किलोमीटर दूर स्थित भैरोघाटी से नेलांग घाटी के लिए सड़क जाती है. भैरव घाटी से 27 किलोमीटर दूर नेलांग स्थान पड़ता है. यहां आईटीबीपी और सेना का कैंप है.

(मेल टुडे से साभार)

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