अरुणाचल प्रदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कांग्रेस की सरकार को बहाल करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अरुणाचल प्रदेश में नबाम तुकी सरकार बहाल होगी. अपने इस फैसले में कोर्ट ने राज्यपालों पर भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की है.
अरुणाचल पर अपने 331 पन्नों के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम टिप्पणियां की हैं-
1) राज्यपाल संवैधानिक प्रावधानों और विधानसभा के काम-काज के नियमों को दरकिनार कर अपनी मर्जी से काम नहीं कर सकते. राज्यपाल अपनी मर्जी से कभी भी और कहीं भी विधानसभा का सत्र नहीं बुला सकते.
2) संविधान के तहत राज्यपाल कैबिनेट की सलाह पर काम करता है. लेकिन इस मामले में राज्यपाल ने कैबिनेट की सलाह की उपेक्षा कर अपनी मर्जी से फैसला लिया.
3) अगर राज्य की परिस्थतियां ऐसी थी जहां राज्यपाल को कैबिनेट की सलाह मानना सही नहीं लग रहा था तो उन्हें मामले को राष्ट्रपति तक पहुंचाना चहिए था. लेकिन उन्होंने अकेले फैसला लिया.
4) अगर राज्यपाल को ऐसा लगता था कि राज्य सरकार के पास विधायकों का समर्थन नहीं है तो वो उसे विधानसभा में बहुमत साबित करने कह सकते थे. लेकिन उन्होंने अपनी तरफ से विधानसभा का सत्र बुलाकर स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा को कहा.
5) राज्यपाल को राजनीतिक विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. राज्य में जिस तरह की परिस्थितियां बनीं, उससे पूरा मामला एक 'राजनीतिक सर्कस' बन गया.