एक तरह से पाकिस्तान का संदर्भ लेते हुए भारत ने कहा कि सीमापार आतंकवाद ने और पड़ोसी सरजमीं से भारत विरोधी गतिविधियों ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग की प्रक्रिया पर हर स्तर पर असर डाला है.
संभावनाएं सुरक्षा परिस्थिति के अधीन
विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा ने कहा कि भारत क्षेत्र के देशों को फायदा पहुंचाने के लिहाज से बिना कुछ लिये जिम्मेदारी लेने की इच्छा रखता है, लेकिन सहयोग के लिहाज से संभावनाएं सुरक्षा परिस्थिति के अधीन हो गयी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सीमापार आतंकवाद और हमारे पड़ोसी देशों की सरजमीं से भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं सरीखे मुद्दों ने क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग की प्रक्रिया को प्रभावित किया है.’’ कृष्णा फिक्की, दक्षेस और मंत्रालय द्वारा आयोजित दक्षिण एशियाई आर्थिक एकीकरण अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.
आर्थिक सहयोग है बेहद जरूरी
उन्होंने कहा, ‘‘सहयोग की संभावनाएं उज्जवल हैं, लेकिन एक वास्तविक मूल्यांकन दर्शाता है कि ये संभावनाएं एक हद तक सुरक्षा हालात के अधीन हैं.’’ कृष्णा ने कहा कि दक्षेस राष्ट्र दुनिया के पांचवे हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं और केवल करीबी आर्थिक सहयोग के जरिये ही क्षेत्र की पूरी शक्ति का इस्तेमाल किया जा सकता है.