सीआरपीएफ ने एक अनूठी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के नक्सली हिंसा प्रभावित इलाके से एक गर्भवती आदिवासी महिला को हेलीकॉप्टर से बाहर निकाला. महिला की हालत बिगड़ने के बाद उसे बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए ऐसा किया गया.
महिला को अचानक हुआ तेज दर्द
अधिकारियों ने कहा कि घटना 14 अप्रैल की रात को हुई, जब जिले के दूरदराज के मोरपल्ली गांव में भीमे नाम की महिला को आठ महीने के गर्भ के कारण तेज दर्द हुआ, जिसके बाद उसे चिंतलनार के अर्धसैनिक बल फील्ड अस्पताल ले जाया गया.
डॉक्टरों की देखरेख में महिला
माओवादियों के ‘बंद’ बुलाने की वजह से पूरा इलाका बंद पड़ा था और अंधेरे के कारण उसे तुरंत हेलिकॉप्टर से नहीं ले जाया जा सकता था. इसके बाद महिला को रात भर सीआरपीएफ के डॉक्टरों की देखरेख में अस्पताल में रखा गया.
16 अप्रैल को महिला को एक हेलीकॉप्टर की मदद से चिंतलनार के सुरक्षित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल शिविर ले जाया गया, जहां से सीआरपीएफ के डॉक्टरों की एक टीम उसे पास के जगदलपुर के एक निजी अस्पताल ले गई.
CRPF उठाएगी इलाज का खर्च
अधिकारियों ने डॉक्टरों के हवाले से कहा कि महिला की तबीयत अब ठीक है और उसे लगातार विशेषज्ञों की निगरानी में रखा जा रहा है. सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ महिला के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी.