केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की ओर से दिल्ली में एक खास मुहिम के तहत पोस्टर लगवाए जा रहे हैं. ये पोस्टर CRPF की ओर से शुरू की गई हेल्पलाइन के हैं. कश्मीर के लिए शुरू की गई इस हेल्पलाइन को ‘मददगार’ नाम दिया गया है. CRPF के आईजी जुल्फिकार हसन के मुताबिक इस हेल्पलाइन से घाटी के ऐसे स्थानीय युवक भी संपर्क कर सकते हैं, जिन्होंने गुमराह होकर आतंकवाद का रास्ता पकड़ लिया और गलती का एहसास होने पर अब बंदूक छोड़कर सरेंडर करना चाहते हैं.
बता दें कि कश्मीर के रहने वाले फुटबॉलर माजिद खान ने आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ में शामिल होने के एक हफ्ते बाद ही अपनी मां की अपील पर आतंक का रास्ता छोड़ दिया. साथ ही सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया. CRPF की हेल्पलाइन ‘मददगार’ ऐसे युवकों के लिए मौका है जो माजिद की तरह ही आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा से जुड़ने की चाहत रखते हैं.
CRPF की ‘मददगार’ हेल्पलाइन का नंबर 14411 है. सभी दिन 24 घंटे खुली रहने वाली इस हेल्पलाइन से कभी भी संपर्क किया जा सकता है. CRPF के मुताबिक हेल्पलाइन से जुड़े 1000 पोस्टर विशेष तौर पर दिल्ली के ऐसे इलाकों में लगाए गए हैं जहां कश्मीर के लोग रहते हैं. CRPF घाटी में पहले से ही इस ‘हेल्पलाइन’ के प्रचार पर जोर दे रही है. अब राज्य के बाहर दिल्ली में भी हेल्पलाइन के पोस्टर लगाए गए हैं. ‘मददगार’
के जरिए मरीज के लिए खून की जरूरत, बीमार व्यक्ति के इलाज, आपदा में फंसे होने आदि जैसी स्थितियों में भी संपर्क साधा जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक घाटी में पिछले साल शुरू की गई इस हेल्पलाइन को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. बीते साल जून में शुरू की गई इस हेल्पलाइन में अब तक 67643 कॉल्स आईं जिनमें 1105 ऐसी थीं जिन पर काम किया जा सकता था. CRPF ने इन कॉल्स पर जरूरी कदम उठा कर कई लोगों को फायदा पहुंचाया.
CRPF ने 19 नवंबर को ‘मददगार’ हेल्पलाइन के जरिए 6 लोगों को O पॉजिटिव खून मुहैया कराया. 17 नवंबर को उरी के रहने वाले 11 साल के लड़के खलिद नजर को दिल्ली के एम्स में इलाज कराने का कदम भी हेल्पलाइन से संपर्क किए जाने पर उठाया.
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ चला रखा है. इस साल अभी तक 190 आतंकवादियों को सुरक्षाबल ढेर कर चुके हैं. एक तरफ सुरक्षा बल आतंकवादियों के साथ सख्ती से पेश आ रहे हैं, वहीं घाटी के आम लोगों के लिए बड़े मददगार भी साबित हो रहे हैं. इसी का सबूत है CRPF की हेल्पलाइन ‘मददगार’.