आम आदमी पार्टी (AAP) में बवाल कुछ दिनों की शांति के बाद आज फिर बढ़ सकता है. प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की अगुवाई वाले AAP के बागी गुट ने गुड़गांव में 'स्वराज-संवाद बैठक' बुलाई है, जिसमें वे आगे की रणनीति तय करेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि अन्ना आंदोलन की उपज AAP दो हिस्सों में भी बंट सकती है.
बागी गुट का दावा है कि आदमी पार्टी के कुछ विधायक समेत 100 से ज्यादा लोकसभा उम्मीदवार इस स्वराज संवाद में हिस्सा लेंगे. पार्टी के लिए मुसीबत की बात यह है कि तिमारपुर से विधायक पंकज पुष्कर इस बैठक के लिए पहुंचे हैं. पंकज पुष्कर ने पार्टी में कोई स्वराज न होने का आरोप लगाया. पटियाला से AAP सांसद धर्मवीर गांधी बैठक के लिए नहीं पहुंच पाए, लेकिन उन्होंने चिट्ठी के जरिये अपना संदेश भिजवाया है. बैठक से पहले योगेंद्र यादव ने कहा कि वे ज्यादा सांसदों या विधायकों को बैठक में लाने का खेल नहीं करेंगे और बैठक का मंच AAP के सभी कार्यकर्ताओं, पूर्व कार्यकर्ताओं के लिए खुला हुआ है.
सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय को न्योते के सवाल पर योगेंद्र ने बताया कि कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को न्योता भेजा गया है, उनमें से कुछ आ रहे हैं और कुछ नहीं आ रहे. योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर कार्यकर्ता पार्टी के संविधान में दी गई आजादी के तहत बैठक में आते हैं, तो पार्टी को इसका सम्मान करना चाहिए. बैठक से पहले योगेंद्र ने कहा कि यह नई शुरुआत का दिन है और बैठक वैकल्पिक राजनीति पर संवाद के लिए हो रही है.
उन्होंने कहा, 'यह बैठक वैकल्पिक राजनीति पर संवाद के लिए है और मुझे भरोसा है कि हम इस बैठक में कुछ नया देखेंगे. आप के संविधान ने पार्टी के आम सदस्यों को अभिव्यक्ति की आजादी दी है, जो अन्य पार्टी में नहीं है.'
बताया जा रहा है कि बैठक में AAP के पूर्व लोकपाल एडमिरल रामदास का वीडियो संदेश भी दिखाया जाएगा.
If workers are using this freedom given to them by party’s constitution, I am sure the party would respect it:Y Yadav pic.twitter.com/X1vKw0kl0b
— ANI (@ANI_news) April 14, 2015
शामिल होने वाले AAP नेताओं पर गिरेगी गाज!
योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें देशभर के स्वयंसेवकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है, जिसके चलते उन्हें आयोजन स्थल बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. उन्होंने कहा, 'हमने इसके लिए सभी को खुला आमंत्रण दिया है. हमें इस आयोजन के लिए जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिसके चलते हमें आयोजन स्थल बदलना पड़ा. देश के विभिन्न हिस्सों से स्वयंसेवक एवं समर्थक आयोजन में भाग लेंगे. बैठक में कुछ विशेष अतिथि भी भाग लेंगे.'
मीडिया को लाइव कवरेज की इजाजत
विरोधी खेमे को आड़े हाथ लेते हुए यादव ने कहा कि पूरा आयोजन पारदर्शी होगा. मीडिया को अनुमति होगी और पेन व मोबाइल फोन ले जाने की भी इजाजत दी जाएगी. गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिषद की जिस बैठक में प्रशांत-योगेंद्र को निकाला गया
था, उसमें मीडिया को जाने की इजाजत नहीं दी गई थी और स्वयं सेवकों को मोबाइल फोन व पेन भी नहीं ले जाने दिया गया था.
योगेंद्र यादव ने कहा, 'हमारा मानना है कि स्वराज में राजनीति को बदलने की संभावना है और यह हमारे कार्यक्रम में होना चाहिए. सभी स्वयं सेवकों को अपनी शिकायतें रखने का मौका दिया जाएगा. निर्णय मतदान के आधार पर होगा.' उन्होंने कहा कि संवाद प्रक्रिया से सभी भ्रम खत्म हो जाएंगे और हम सम्मेलन के बाद कुछ निर्णय कर सकेंगे.
AAP ने दी कार्रवाई की चेतावनी
दूसरी ओर, 'आप' के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद इस संबंध में अगले कदम का
फैसला करेगी. सिंह ने कहा, 'स्वराज संवाद कोई पार्टी आयोजन नहीं है. पीएसी और एनई तय करेगी कि बैठक के बाद क्या कार्रवाई करनी चाहिए.' चेतावनी पर प्रतिक्रिया
देते हुए यादव ने कहा कि वह अभी तक पार्टी के सदस्य हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की चेतावनी नहीं मिली है.
यादव ने कहा, 'आप पार्टी नेतृत्व के बारे में बातचीत कर रहे हैं. पार्टी नेतृत्व केवल आम आदमी पार्टी नहीं है. हमें पार्टी की ओर से कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिला है.' अजीत झा के साथ 'आप' की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले गए आनंद कुमार ने कहा कि वे तो इस बैठक को 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ही बुलाना चाहते थे, लेकिन इसे विभिन्न कारणों से टाल दिया गया.
'आप' के तिमारपुर के विधायक पंकज पुष्कर, आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी और मानवाधिकार कार्यकर्ता अरूणा राय इस आयोजन में भाग ले सकती हैं. यादव और भूषण खेमे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 'आप' के टिकट पर खड़े हुए 100 से अधिक उम्मीदवार इस आयोजन में शिरकत करेंगे.
भाग नहीं लेंगे महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के नेता
इस बीच, महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने स्वराज संवाद से अलग रहने का फैसला लिया है. हालांकि यादव और भूषण के विश्वासपात्रों का दावा है कि
यहां से करीब 200 स्वयंसेवक और कुछ नेता दोनों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए बैठक में हिस्सा लेंगे. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में 'आप' की राष्ट्रीय
कार्यकारिणी के सदस्य मयंक गांधी स्वराज संवाद में भाग नहीं लेंगे.
कर्नाटक के 'आप' प्रवक्ता शंथाल दाम्ले ने कहा, 'मैं मंगलवार की बैठक में नहीं जा रहा हूं, इस पर कभी विचार नहीं किया.'
गौरतलब है कि पिछले महीने भूषण और योगेंद्र को पार्टी की दो महत्वपूर्ण समितियों से हटा दिया गया.
योगेंद्र और प्रशांत अभी भी 'आप' नेता हैं, तो उनकी बैठक पर पार्टी का कड़ा रुख जायज है?