सांसदों को सेहत के प्रति जागरुक करने के लिए सीएसआईआर यानी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने संसद परिसर में प्रदर्शनी का आयोजन किया. इसके जरिए ना केवल सेहत बल्कि देश में हुए नये आविष्कारों की भी जानकारी दी गई. सीएसआईआर के इन नए अनुसंधान से ना केवल कठिन होते जीवन आसान होगा बल्कि आम लोगों को भी इससे काफी फायदा होगा. उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हाथों शुरू हुई इस अनूठी प्रदर्शनी में सभी वैज्ञानिक महकमों के शोध और आविष्कार प्रदर्शित किये गए.
प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से समेत लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने संसद भवन में सांसदों के साथ यहां दिखाये गए उत्पादों की जानकारी ली. इस प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षण का केंद्र CSIR द्वारा विकसित मधुमेह रोधी दवा बीजीआर-34 रही. क्योंकि रिपोर्ट के मुताबिक देश में हर आठवां आदमी मधुमेह से किसी ना किसी रूप से प्रभावित है. इससे सांसद भी अछूते नहीं हैं. लिहाजा जनप्रतिनिधियों को भी इस बाबत जागरूक रहने की जरूरत है.
सीएसआईआर के वर्षों चले अनुसंधान के बाद तैयार बीजीआर-34 को अब एमिल फार्मा बनाकर जनता तक पहुंचाई जा रही है. बीजीआर 34 के अलावा इस प्रदर्शनी में मिलावटी दूध की जांच की मशीन भी प्रदर्शित की गई. दूध की जांच करने वाली किफायती मशीन `क्षीर स्कैनर' बिना बिजली के पानी साफ करने वाला वॉटर प्यूरीफायर टेराफिल, इसरो के उपग्रह, जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित दवाएं और टीके, परमाणु ऊर्जा विभाग के संस्थानों द्वारा विकसित की गई तकनीकें भी इस प्रदर्शनी का दिलचस्प हिस्सा रही.
सीएसआईआर सहित अनुसंधान कार्य में लगे संस्थानों की अधिकतर खोज व्यावहारिक और व्यावसायिक उत्पादन में आकर जनता के बीच पहुंचने के बजाय फाइलों का हिस्सा हो जाती हैं. उन्हें सिर्फ रिकॉर्ड में ही रखा जाता है कि इस बारे में खोज हो चुकी है. लेकिन अब सरकार ने तय कर लिया है कि करोड़ों रुपये खर्च कर वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत को जनता तक पुहंचाया जाएगा. इसी वजह से बीजीआर-34 को कुछ समय पहले ही बाजार में उतारा गया, जो बेहद सफल दवा साबित हुई है, जबकि 'क्षीर स्कैनर' जल्द बाजार में आने वाला है.
प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कभी-कभी छोटे आविष्कार भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और वे लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं. उन्होंने दूध में मिलावट की जांच करने वाली मशीन क्षीर स्कैनर का जिक्र किया. प्रदर्शनी संसद सत्र के आखिरी दिन 11 अगस्त तक चलेगी. इसमें उद्योग जगत के लोगों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि वह उन तकनीकों को बाजार में उतारने में मदद कर सकें जो अभी तक लैब में बंद रहते थे.