तीसरा मोर्चा चुनाव के बाद बनेगा या पहले ये अब तक तय नहीं हो पाया है लेकिन गैर एनडीए और गैर कांग्रेस दलों को एकजुट कर मोर्चा बनाने की दिशा में काम शुरू हो गया है.
आगामी 30 अक्टूबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ पार्टियों का सम्मेलन होगा जिसकी तैयारी के लिये वामपंथी दलों के साथ जेडीयू और समाजवादी पार्टी ने बैठक की.
बैठक मे सीताराम येचुरी, रामगोपाल यादव और के सी त्यागी मौजूद थे. तय हुआ कि इस सम्मेलन के लिये एआईएडीएमके, बीजेडी, एनसीपी को भी न्योता दिया जायेगा साथ ही देश के नामी-गिरामी कलाकारों, साहित्यकारो जैसे श्याम बेनेगल और मल्लिका साराभाई भी कन्वेंशन मे शामिल होंगे.
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने दावा किया कि जयललिता और नवीन पटनायक की तरफ से सम्मेलन में शिरकत को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं. क्यूंकि ये सम्मेलन तीसरा मोर्चा बनाने के लिये नहीं बल्कि देश की एकता बनाये रखने के लिये बुलाया गया है.
हालांकि वामपंथी दल और समाजवादी पार्टी इसे तीसरे मोर्चे का नाम देने से इनकार कर रही हैं लेकिन चुनाव से पहले ये कवायद उसी दिशा में बढ़ते कदम के रुप में दिखाई दे रही हैं.
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पहले ही चुनाव के बाद तीसरा मोर्चा बनाने के संकेत दे चुके हैं, और अब इस सम्मेलन के लिये तमाम पार्टियों को इकट्ठा करने के पीछे बीजेपी और कांग्रेस के सामनें ताकत का प्रदर्शन करना है.
हालांकि इतिहास गवाह है कि चुनाव से पहले इस तरह की कोशिश हर बार होती है लेकिन चुनाव बाद की तस्वीर कुछ और ही सामने आती है.