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सोनिया का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ेगा, राहुल की ताजपोशी पर सस्पेंस बरकरार

कांग्रेस ने 7 नवंबर को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है जिसमें बतौर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाने पर मुहर लगेगी, हालांकि पार्टी का कहना है कि संगठन के चुनाव तय समय पर नहीं हो पा रहे, इसीलिए तकनीकी तौर पर ऐसा किया जाना जरूरी है.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी

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कांग्रेस ने 7 नवंबर को कार्यसमिति की बैठक बुलाई है जिसमें बतौर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के कार्यकाल को एक साल के लिए बढ़ाने पर मुहर लगेगी, हालांकि पार्टी का कहना है कि संगठन के चुनाव तय समय पर नहीं हो पा रहे, इसीलिए तकनीकी तौर पर ऐसा किया जाना जरूरी है. वैसे अटकल लगाई जा रही थी कि, राहुल को इसी साल कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी सौप दी जायेगी..हालांकि पार्टी संविधान के मुताबिक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक किसी भी समय बुलाकर राहुल को अध्यक्ष पद सौंपा जा सकता है. ऐसे में अब ये तय हो गया कि, इस साल राहुल अगर अध्यक्ष बनेंगे भी तो मनोनीत हो होंगे, संगठन चुनाव के ज़रिये नहीं. और ये फैसला करके पार्टी सोनिया को मुफीद हालात में राहुल को कमान सौंपने का वक़्त भी देना चाहती है.

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संगठन चुनावों में हो रही देरी की वजह से सोनिया गांघी के कार्य काल को दूसरी बार बढ़ाया जा रहा है..2010 में बुराड़ी अधिवेशन में सोनिया गांधी 5 साल के लिए अध्यक्ष चुनी गई थी..2015 में पार्टी संविधान के मुताबिक संगठन में चुनाव होने थे..कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दूसरी बार मोहलत मांगने का फैसला किया है..पिछले कुछ महीनों से कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लगातार मांग कर रहे हैं कि राहुल गांधी के हाथों पार्टी सौंप देनी चाहिए..लेकिन फिलहाल सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पर खुद के पास ही रखने का फैसला किया है.

इस पर कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह कहते हैं कि, राहुल अध्यक्ष जरूर बनेंगे. जब बनेंगे आप को सूचित किया जायेगा.

गौरतलब है कि सोनिया गांधी 1998 से ही पार्टी की अध्यक्ष हैं और पार्टी के तमाम नेता चाहते हैं कि अब राहुल का राजतिलक कर दिया जाये..नेताओं का तर्क है कि संगठन में सत्ता के दो केन्द्र होने से पार्टी से जुड़े फैसलों पर असर पड़ रहा है.. पार्टी का एक तबका यूपी चुनाव से पहले ही राहुल को अध्यक्ष बनाने की सलाह सोनिया गांधी को दे चुका है..हालांकि पार्टी का एक खेमा आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए राहुल की फिलहाल ताजपोशी के खिलाफ है..पार्टी संविधान के मुताबिक सोनिया कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाकर राहुल को कभी भी ताज सौंपने का फैसला कर सकती है. फिलहाल गेंद सोनिया गांधी के पाले में है..जाहिर है पार्टी का फैसला परिवार को ही करना है.

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