राहुल गांधी की अध्यक्षता में पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई. इस दौरान जहां सोनिया गांधी समेत बाकी तमाम नेताओं ने बीजेपी के खिलाफ महागठबंधन बनाने पर सहमति जताई, वहीं पी. चिदंबरम ने लोकसभा चुनाव में जीत का फॉर्मूला बताया.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने विपक्षी एकता के बूते सत्ता में वापसी के संकेत दिए. सूत्रों के मुताबिक, अपनी प्रजेंशटेशन में चिदंबरम ने बताया कि 12 राज्यों में पार्टी की स्थिति मजबूत है, जहां उसे अच्छे रिजल्ट मिल सकते हैं. इन राज्यों से चिदंबरम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 150 सीटें हासिल होने का अनुमान जताया.
12 राज्यों के अलावा जहां कांग्रेस की स्थिति सही नहीं मानी जा रही है, उनमें कांग्रेस गठबंधन दलों के सहारे बेहतर नतीजे मिलने की आस में है. चिंदबरम ने कहा है कि इन 12 राज्यों के अलावा राज्यवार गठबंधन से भी अच्छी सीटें आ सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में ये बात रखी गई है कि अलग-अलग राज्यों में गठबंधन होने पर 150 के करीब सीटें जीती जा सकती हैं.
यानी जिस तरीके से यूपी और बिहार जैसे बड़े राज्यों में गठबंधन की संभावनाओं को बल मिल रहा है, वैसी स्थिति में कांग्रेस को बेहतर परिणाम की उम्मीद है.
इस तरह कांग्रेस को अन्य बीजेपी विरोधी दलों के साथ मिलकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी के खिलाफ करीब 300 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े से भी ज्यादा है.
राहुल हों चेहरा
भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकता की कोशिशों के बीच एक बार फिर महागठबंधन के चेहरे पर बात आ टिकी है. रविवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी इस मसले पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन के केंद्र में कांग्रेस रहे और राहुल गांधी ही उसका चेहरा हों.