राष्ट्रमंडल खेलों से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत द्वारा राष्ट्रमंडल आयोजन समिति के बर्खास्त अध्यक्ष सुरेश कलमाडी समेत 10 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. दिल्ली की एक अदालत ने धारा 420, 120 b, 201, 467, 468, 471 और 506 के तहत आरोप तय किए. इन लोगों पर धोखाधड़ी, साजिश तथा सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने के संबंध में आरोप तय किए गए हैं.
गौरतलब है कि विशेष सीबीआई न्यायाधीश रविन्द्र कौर ने दस जनवरी को आरोप तय करने के लिए चार फरवरी की तारीख तय की थी. इस मामले में आयोजन समिति के महासचिव ललित भनोट भी एक आरोपी हैं. अदालत ने 21 दिसंबर 2012 को भारतीय दंड संहिता तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कलमाडी तथा नौ अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए थे.
सीबीआई ने आरोपियों पर वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए टाइमिंग, स्कोरिंग तथा रिजल्ट (टीएसआर) लगाने के लिए स्विस टाइम कंपनी को अनाप शनाप दरों पर ठेका देने का आरोप लगाया है जिससे सरकारी खजाने को 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
कलमाडी और भनोट के अलावा मामले के अन्य आरोपियों में आयोजन समिति के पूर्व महानिदेशक वी के वर्मा, पूर्व महानिदेशक (खरीद) सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त महानिदेशक (खेल) ए एस वी प्रसाद तथा पूर्व कोषाध्यक्ष एम जयचंद्रन आदि हैं. ये लोग फिलहाल खेल ईकाई से नहीं जुड़े हैं.
इन छह लोगों के अलावा, दो विनिर्माण कंपनियों के दो प्रमोटर, फरीदाबाद स्थित जेम इंटरनेशनल के पी डी आर्या तथा ए के मदान और हैदराबाद स्थित एकेआर कंस्ट्रक्शन के ए के रेड्डी भी इस मामले में आरोपी हैं. इस मामले में स्विस टाइमिंग ओमेगा भी एक आरोपी है.
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि कलमाडी तथा अन्य ने स्पेनिश कंपनी एमएसएल की कहीं अधिक कम कीमत की 62 करोड़ रुपये की निविदा को नामंजूर कर दिया था और स्विस टाइमिंग ओमैगा को ठेका दिया जिससे खजाने को 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
कलमाडी ने हालांकि अदालत में कहा था कि उसने बतौर आयोजन समिति के अध्यक्ष के सौंपे गए काम को किया और पूरी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं किया.