भारतीय हैकर्स का एक नेटवर्क जल्दी ही कश्मीर घाटी में पनप रहे देश के उन दुश्मनों का नाम, पता और उनके बैंक खातों का विवरण उजागर करेगा, जो ISIS जैसे आतंकी संगठनों का सहयोग कर रहे हैं.
मल्लू साइबर सोल्जर्स नाम के एक हैकर्स ग्रुप ने उन आतंकियों के समर्थकों का भंडाफोड़ किया है, जो जम्मू-कश्मीर के युवाओं में सोशल मीडिया के द्वारा जहरीले विचारों का प्रसार कर रहे हैं. इस हैकर्स समूह के जांच की जानकारी आजतक के सहयोगी प्रकाशन मेल टुडे को मिली है.
इस जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े 2,000 से ज्यादा लोग इस्लाम के नाम पर दुष्प्रचार कर रहे हैं और भारतीय सेना की छवि खराब कर रहे हैं. इन हैकर्स का दावा है कि आतंकियों के समर्थक युवाओं के दिमाग में जहर बोने के लिए तस्वीरों और वीडियो को छेड़छाड़ करके प्रसारित करते हैं. मल्लू साइबर सोल्जर्स देश का प्रमुख गोपनीय हैकिंग समूह है. समूह ने दावा किया है कि घाटी में उन्होंने आतंकियों के ऐसे 80 समर्थकों के कोड को क्रैक कर लिया है. इससे उनके लैपटॉप, सोशल मीडिया एकाउंट, मोबाइल, रहने का स्थान और बैंक खातों के विवरण का पता चल गया है.
गणतंत्र दिवस पर जनता को
समूह के एक गुमनाम हैकर ने बताया, 'इस बारे में हमने 10 महीने तक जांच की. यह गणतंत्र दिवस पर जनता को तोहफा है.' हैकिंग समूह का कहना है कि वह जल्दी ही इस बारे में हासिल सभी जानकारी को इंटरनेट पर सार्वजनिक कर देगा. इस गहन हैकिंग अभियान में लगे 50 से ज्यादा हैकर्स ने सोशल इंजीनियरिंग के द्वारा आतंकी समर्थकों की कूट जानकारियों को हासिल किया.
एक हैकर ने बताया, 'ऐसे लोगों का विवरण सार्वजनिक करने से पहले हम कई स्तरीय छंटाई और जांच करेंगे. हम उन लोगों का विवरण सार्वजनिक करेंगे और इसकी पूरी जवाबदेही स्वीकार करेंगे. हमारा उद्देश्य घाटी के खलनायकों को उजागर करना है. सुरक्षा एजेंसियां यदि चाहें तो हमारे जांच का इस्तेमाल कर सकती हैं, हम उनको पूरा सहयोग देंगे.'
हैकर्स ने बताया कि आतंकी समर्थक युवा कश्मीरियों को गुमराह करने के लिए शिक्षकों और मौलवियों का भी सहारा ले रहे हैं. जांच से पता चला है कि बहुत से ऐसे किशोरों के खातों में भी पैसे डाले गए हैं, जो आतंकियों के लिए कैरियर का काम करते हैं.
एक हैकर ने बताया, 'हमारे पास इसका विवरण है कि किस तरह से पैसा किशोरों के बैंक खातों में डाला गया और इसके कुछ दिनों बाद ही उन्होंने इसे निकाल लिया. असल में वे इस अवैध धन के सिर्फ कैरियर ही थे और उन्हें बस छोटा हिस्सा कमीशन के रूप में मिलता है.