ओडिशा में चक्रवाती तूफान फानी की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 16 पहुंच गई है. राज्य के लगभग 10,000 गांवों और 52 शहरी क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास के काम शुरू किए गए हैं. इस तूफान से करीब एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. यह चक्रवाती तूफान काफी शक्तिशाली माना जा रहा है और तटीय क्षेत्र पुरी में शुक्रवार को टकराया था. माना जा रहा है कि यह चक्रवात गर्मी के दिनों में आने वाले चक्रवातों में ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी का है. बीते 43 साल में पहली बार ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आए तीन सबसे ताकतवर तूफानों में से एक है. फिलहाल, राहत बचवा का काम चल रहा है, लेकिन अभी मेडिकल एग्जाम 'नीट' टाल दिया गया है.
अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहे इस भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से शुक्रवार को पुरी में तेज बारिश और आंधी आई. तूफान के कमजोर पड़ने और पश्चिम बंगाल में घुसने से पहले इसकी चपेट में आए कस्बों और गांवों में कई घरों की छतें उड़ गईं और कई मकान पूरी तरह से टूट गए. इससे पहले 1999 में सुपर साइक्लोन आया था जिसकी वजह से दस हजार लोगों की मौत हो गई थी और एक बहुत बड़े इलाके में काफी तबाही आई थी.
पुरी और भुवनेश्वर में ज्यादा तबाही
मरने वाले 16 लोगों में से मयूरभंज से चार, पुरी, भुवनेश्वर और जाजपुर में तीन-तीन और क्योंझर, नयागढ़ और केंद्रपाड़ा में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं. प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए रवाना होने से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि सामाजिक संगठन, एनडीआरएफ, ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) के कर्मचारी और एक लाख अधिकारियों के साथ लगभग 2,000 इमरजेंसी कर्मचारी पीड़ित लोगों की मदद में लगे हुए हैं.
Odisha CM: People in cyclone shelters will be provided cooked food for next 15 days & electricity and drinking water is being worked on on war footing so that it be supplied to people very soon. Condition is bad. PM spoke to me y'day.Working very hard to restore communication too pic.twitter.com/mt9TftATtk
— ANI (@ANI) May 4, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की और चक्रवात आने के बाद की स्थिति पर चर्चा की. पीएम मोदी के ओडिशा का दौरा करने की संभावना है. प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया कि केंद्र की तरफ से राज्य को लगातार सहायता मिलती रहेगी. रेलवे दो ट्रेनों को छोड़कर भुवनेश्वर के लिए सभी रेल सेवाओं को रविवार को फिर से बहाल करेगा.
रेल सेवाएं बहाल
रेलवे ने ओडिशा में चक्रवात फानी के टकराने के महज 24 घंटे बाद ही हावड़ा-चेन्नई मेन लाइन को साफ कर दिया है. कोलकाता हवाई अड्डे पर सुबह नौ बजकर 57 मिनट पर विमानों का आना-जाना शुरू हो गया. सियालदह और हावड़ा स्टेशनों पर ट्रेनों सेवाएं सामान्य हो चुकी हैं. कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केओपीटी) ने हल्दिया और कोलकाता डॉक पर शनिवार सुबह जहाजों का आना जाना बहाल कर दिया.
वायु सेना ने लोगों की मदद और आपदा राहत के लिए शनिवार को हिंडन एयर बेस से भुवनेश्वर के लिए तीन सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमानों को भेजा है. वायु सेना के एक प्रवक्ता ने इस बारे में बताया. इसमें चक्रवात फानी से प्रभावित जगहों के लिए दवा सहित करीब 45 टन राहत सामग्री भेजी गई है. उन्होंने कहा कि चक्रवात फानी के बारे में पहली चेतावनी मिलने के बाद से ही वायु सेना तैयारी में लग गई थी. जरूरत पड़ने पर तत्काल उड़ान के लिए विमानों को तैयार रखा गया था.
Indian Air Force sends 3 C-130J Super Hercules aircraft to Bhubaneswar from Hindan Air Base for humanitarian aid and disaster relief. The aircraft are carrying approximate 45 tonnes of relief material including medicines for the locations affected by #CyclonicStormFANI pic.twitter.com/I4bumUOOpf
— ANI (@ANI) May 4, 2019
मदद में लगी वायु सेना
वायु सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर लोगों की मदद और आपदा राहत अभियान के लिए भुवनेश्वर पहुंचा. भारतीय तटरक्षक बल ने ओडिशा में फानी के टकराने के बाद तलाश और बचाव अभियान के लिए अपने जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं. जहाज और हेलीकॉप्टर समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं को तलाशने में जुटे हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि चक्रवात फानी के कारण ओडिशा में नीट की परीक्षा टाल दी गई है. एचआरडी सचिव आर. सुब्रमण्यम ने ट्वीट किया, फानी चक्रवात के मद्देनजर चलाए जा रहे राहत और पुनर्वास काम को देखते हुए राज्य में पांच मई को होने वाली नीट परीक्षा टाल दी गई है. ओडिशा में परीक्षा के लिए अगली तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी.