ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आए चक्रवाती तूफान पर सियासत शुरू हो गई है. तृणमूल कांग्रेस ने चक्रवात फानी के चलते जमीनी हालात की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बजाय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से बात करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी देश के संघीय ढांचे का सम्मान नहीं करते हैं.
तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘यह संघीय ढांचे पर हमला है और संविधान से विचलन है. राज्यपाल को फोन करके उन्होंने बीजेपी के नेता के रूप में कार्य किया है और देश के प्रधानमंत्री के रूप में नहीं. वह हमारे लोगों के जनादेश को कैसे नकार सकते हैं? ममता बनर्जी बंगाल की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.’
तृणमूल के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जमीनी हालात की जानकारी लेने के लिए राज्यपाल को फोन किया, इससे हमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन केवल मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के अधिकारी ही उन्हें जमीनी स्तर की असली तस्वीर बता सकते हैं.’
टीएमसी नेता ने कहा कि यह केवल दर्शाता है कि प्रधानमंत्री की नजर में इस देश के संघीय ढांचे के लिए कोई सम्मान नहीं है. संघीय ढांचे में प्रधानमंत्री को जमीनी हालात के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री को फोन करना चाहिए. लेकिन इस मसले पर राजनीति करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को फोन नहीं करने का फैसला किया.
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ घरों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा चक्रवात फोनी के कारण पश्चिम बंगाल में ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. चक्रवात शनिवार सुबह पड़ोसी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले और कमजोर हो चुका है. कोलकाता हवाई अड्डे पर सुबह नौ बजकर 57 मिनट पर विमानों का परिचालन बहाल हो गया. सियालदह और हावड़ा स्टेशनों पर ट्रेनों सेवाएं सामान्य हो चुकी है.