बंगाल की खाड़ी में एक नया चक्रवाती तूफान बुलबुल बनता हुआ दिखाई दे रहा है. जबकि अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान महा अब और अधिक शक्तिशाली हो गया है. गुजरात में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही मछुआरों को समुद्र में न उतरने की सलाह दी गई है. गुजरात के कुछ हिस्सों में 6 से 8 नवंबर तक भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान 'महा' के कारण उत्तर कोंकण और गुजरात में आंधी के साथ तेज बारिश होगी.
बहरहाल, 'बुलबुल' इस साल का 7वां चक्रवाती तूफान होगा. हालांकि मनसून के बाद बंगाल की खाड़ी में यहा पहला चक्रवात होगा. skymetweather.com के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हुआ है. उम्मीद है कि यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिशा में जाएगा. 5 या 6 नवंबर को यह बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व पर डिप्रेशन बन सकता है.
इस समय बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर से जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार यह सिस्टम पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ते हुए प्रभावी होगा. पहले डिप्रेशन, फिर डीप डिप्रेशन और उसके बाद चक्रवाती तूफान बन सकता है. समुद्र की सतह का तापमान 29 से 30 डिग्री के बीच है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 6 दिन यह सिस्टम खाड़ी में रहेगा. इतना समय इसके चक्रवाती तूफान बनने के लिए काफी है.
बुलबुल कहां करेगा हिट
यह भारत के पूर्वी तटों को प्रभावित करने वाला है. लेकिन इसके हिट करने की लोकेशन का अभी सटीक अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता है. हालांकि अधिक संभावना ओडिशा या उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय भागों पर इसके लैंडफॉल के संकेत अभी मिल रहे हैं.
कैसे तय होती है तूफान की दिशा
अक्टूबर में अगर कोई तूफान बंगाल की खाड़ी में विकसित होता है तो उसके पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की तरफ जाने की संभावना रहती है जबकि नवंबर में बनने वाले तूफान आंध्र प्रदेश और ओडिशा का रुख करते हैं जबकि दिसंबर में विकसित होने वाले चक्रवाती तूफान तमिलनाडु को भिगोते हैं.
सातवां चक्रवाती तूफान बनेगा बुलबुल!
बंगाल की खाड़ी में पाबुक और फोनी के बाद साल 2019 का यह तीसरा चक्रवाती तूफान होगा. पाबुक जनवरी के पहले सप्ताह में बना था और यह अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पर बारिश देने के बाद रास्ता बदलकर म्यांमार चला गया था. जबकि मई में तूफान फोनी ने ओडिशा को बुरी तरफ प्रभावित किया था. उसके बाद कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल भी इसकी चपेट में आया था.
दूसरी ओर अरब सागर में इस साल चार तूफान (वायु, हिक्का, क्यार और महा) बन चुके हैं. इस तरह संभावित तूफान बुलबुल भारतीय उप-महाद्वीप में साल 2019 का 7वां तूफान होगा. 2018 में कुल 7 तूफान आए थे. इसकी बराबरी होना तो लगभग तय है. उम्मीद यह भी है कि 7 का आंकड़ा पार हो जाए. अगर खाड़ी में तूफान विकसित होता है तो तटीय आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 9 से 12 नवंबर के बीच भीषण बारिश देखने को मिलेगी.