ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों की तरफ बढ़ रहा खतरा और उस खतरे का नाम है फैलिन, जो एक तूफान है. तूफान की ताकत को देखते हुए ओडिशा, आंध्र और पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में दहशत की तेज हवाएं मंडरा रही हैं. चंद घंटे बाद इन इलाकों में एक ताकतवर समुद्री तूफान हिट करेगा. मौसम वैज्ञानिकों ने बंगाल की खाड़ी में मंडरा रहे उस तूफान का नाम दिया है फैलिन.
मौसम विभाग का अनुमान है कि 12 तारीख की शाम ओडिशा के गोपालपुर में तटीय इलाकों से टकराएगा फैलिन. फिलहाल इसकी रफ्तार करीब 115 किमी प्रति घंटा है, लेकिन जब ये तूफान तट से टकराएगा तो रफ्तार होगी करीब 215 किमी प्रति घंटा होगी.
फैलिन की जबरदस्त ताकत के चलते समंदर में ऊंची लहरें उठने की आशंका है. लहरें करीब 2 मीटर ऊंची हो सकती हैं. तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का भी अनुमान है. पुरी, गोपालपुर, श्रीकाकुलम, गंजाम, कुर्टा, जगतसिंह जिलों में समंदर के किनारे के निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है. आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया जा रहा है. एनडीआरएफ की 20 टीमें तैनात कर दी गई हैं.
खास बात ये है कि उत्तर अंडमान में बना ये सिस्टम प्रशांत महासागर से बंगाल की खाड़ी में दाखिल हुआ है. मौसम के जानकारों की मानें तो चक्रवाती तूफान का असर सिर्फ तटीय इलाकों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक इसके प्रभाव से भारी बारिश होगी.
हालात बिगड़ने का खतरा देखते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. ओडिशा सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए 14 जिलों के अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं.
वहीं, तूफान की आशंका को देखते हुए ही आंध्र प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार को हड़ताल वापस ले ली थी. बिजली विभाग के कर्मचारी अलग तेलंगाना के गठन के विरोध में हड़ताल पर चले गए थे, जिससे वहां नागरिकों की परेशानी बढ़ गई थी.