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पिलिन तूफान के बाद ओडिशा में भयंकर बाढ़, ढाई लाख प्रभावित, मृतकों की संख्या हुई 25

महातूफान पिलिन जाते-जाते बाढ़ के रूप में नई आपदा दे गया है. पिलिन की वजह से ओडिशा में हो रही भारी बारिश से 5 जिलों की मुख्य नदियों में बाढ़ आ गई है. प्रदेश में अब तक कुल 1.2 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है.

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घटकर 30-35 किमी/घंटा हुई रफ्तार
घटकर 30-35 किमी/घंटा हुई रफ्तार

महातूफान पिलिन जाते-जाते बाढ़ के रूप में नई आपदा दे गया है. पिलिन की वजह से ओडिशा में हो रही भारी बारिश से 5 जिलों की मुख्य नदियों में बाढ़ आ गई है. प्रदेश में अब तक कुल 1.2 करोड़ से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या 25 तक पहुंच गई है.

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बालेश्वर में गिराए जा रहे खाने के पैकेट
बालेश्वर जिले में सबसे ज्यादा 2.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. यहां भोजन के पैकेट हेलीकॉप्टर से गिराए जा रहे हैं. पात्र ने बताया कि सुबर्णरेखा, बुढ़ाबलांग, बैतरणी और जलाका नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण बालेश्वर के अलावा चार जिले मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और क्योंझार भी प्रभावित हुए हैं.

 देखें तस्वीरें: गुजर गया पिलिन, छोड़ गया तबाही के निशान

राज्य में 10 . 13 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. महापात्र ने बताया कि सेना, नौसेना ओर भारतीय वायुसेना के अलावा एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ को राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है.

गंजाम का बुरा हाल, 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त
पिलिन चक्रवात से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए ओडिशा का तटीय जिला गंजाम प्रभावित हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक यहां कम से कम 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इस प्राकृतिक आपदा में लाखों लोगों की आजीविका छिन गई और 2.4 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए.

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मछुआरों का भी बहुत नुकसान हुआ है क्योंकि उनके मछली पकड़ने के जाल, नाव और बेड़े क्षतिग्रस्त हो गए. किसानों को भी नुकसान हुआ है क्योंकि उनकी धान की फसल पानी में डूब गई.

 देखें तस्वीरें: जब समुद्र तट से टकराया पिलिन

बिजली और आधारभूत ढांचे को हुए नुकसान के बीच प्रदेश सरकार ने कई शक्तिशाली जनरेटर खरीदने का फैसला किया है ताकि प्रभावित लोगों तक जलापूर्ति की जा सके.

 ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राहत शिविरों का दौरा करने के बाद हर प्रभावित को 500 रुपए देने का निर्देश दिया. साथ ही प्रशासन यहां दो महीनों तक मुफ्त राशन आवंटित करेगा. जिले में चक्रवात की वजह से नौ लोग मारे गए हैं.

अब 25-35 किमी/घंटा है रफ्तार
200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी तट पर तबाही मचाने के बाद पिलिन सोमवार शाम को कम दबाव के क्षेत्र में बदल गया.

मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार दोपहर तक कम दबाव के क्षेत्र में बदला तूफान अब और कमजोर हो गया है और अब यह दक्षिण पूर्व में बिहार और उसके आसपास के इलाकों के उपर ठहर गया है जहां इसकी रफ्तार 25-35 किलोमीटर प्रति घंटा बनी हुई है.

 कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने का मतलब है कि मौसम विभाग अब इसे एक सामान्य मौसमी बदलाव मानकर चल रहा है और यह तूफान की श्रेणी से दूर हो चुका है.

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कई जगहों पर भारी बारिश की आशंका
हालांकि मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अपनी तीव्रता में भारी कमी के बावजूद कम दबाव के क्षेत्र में अब भी बादल हैं जिनसे बिहार , नेपाल के उप हिमालयी क्षेत्रों , पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अगले 24 से 48 घंटों के बीच भारी बारिश होगी.

मौसम विभाग के एक वैज्ञानिक ने बताया, 'हालांकि तीव्रता कम हो गयी है लेकिन हम अगले 72 घंटे इस पर नजर रखेंगे क्योंकि जहां जहां से यह गुजरेगा , वहां भारी बारिश की संभावना है.'

ओडिशा सरकार ने माना नहीं थी तैयारी
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के महापात्रा ने आज स्वीकार किया कि पिलिन चक्रवात के बाद बालेश्वर और मयूरभंग जिले में नदी के जलस्तर में अचानक हुई बढ़ोतरी के लिए सरकार तैयार नहीं थी.

महापात्रा ने पत्रकारों से कहा, 'हमने यह नहीं सोचा था कि बुद्धबलंग नदी का जल स्तर अचानक इतना बढ़ जाएगा. कल सुबह 9 बजे तक वहां सब कुछ ठीक था, लेकिन दोपहर 12 बजे अचानक बारीपाड़ा शहर के मधुबन क्षेत्र में पानी घुसने लगा.' महापात्र यहां चक्रवात के बाद आई बाढ़ से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

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