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गैस पर अभी राहत, मगर डीजल पर लटकी तलवार

विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने आम जनता को महंगाई का बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने आज डीजल के दामों को डी-रेगुलराइज़ करने की इजाज़त दे दी. इससे डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है.

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विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद केंद्र सरकार ने आम जनता को महंगाई का बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने आज डीजल के दामों को डी-रेगुलराइज़ करने की इजाज़त दे दी. इससे डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी का रास्ता साफ हो गया है.

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अब तेल कंपनियां खुद ही जब चाहें डीजल के दाम बढ़ा सकेंगी. अब तक तेल कंपनियां पेट्रोल के दाम खुद बढ़ाती रही हैं. तेल कंपनियों के दावे के मुताबिक डीजल पर अभी उन्हें 9 रुपये से कुछ ज्यादा घाटा हो रहा है. मतलब तेल कंपनियां इस बात के लिए आजाद हैं कि वो इस घाटे की भरपाई दाम बढ़ाकर कर लें. फिलहाल डीजल के दामों में अभी फौरन कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

यूपीए की कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने बताया कि सब्सिडी वाले गैस सिलेंडरों की संख्या 6 से बढ़ाकर 9 की गई. ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. अभी फिलहाल LPG कीमतों में कोई बढोतरी नहीं की जायेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि डीजल के दाम तय करने का अधिकार तेल कंपनियों को दिया गया है जो समय-समय पर विचार कर तेल के दामों पर फैसला लेगी.

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रसोई गैस भले ही फौरन महंगी नहीं हुई है, लेकिन खाने के तेल के दाम बढ़ना तय है. कैबिनेट कमेटी ऑन इकॉनमिक अफेयर्स यानी सीसीईए की मीटिंग में आज खाद्य तेलों पर आयात कर बढ़ाने पर फैसला लिया है. इस बैठक में खाद्य तेल पर 2.5 फीसदी बढ़ा आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया गया है. जिससे खाद्य तेलों की कीमत में भी इज़ाफा हो जायेगा.

सरकार की दलील है कि इस कदम से वो किसानों और भारतीय खाद्य तेल उद्योग को बचाना चाहती है. अभी विदेशी खाद्य तेलों के कम दाम की वजह से भारत में खाद्य तेल उद्योग को भारी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री ने इशारों-इशारों में ही कड़े फैसले के संकेत दिए थे.

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