अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता और पत्रकार नरेंद्र दाभोलकर की हत्या 'सरकार प्रायोजित' हो सकती है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने यह आशंका जताई. अज्ञात लोगों ने दाभोलकर की हत्या 20 अगस्त को कर दी थी.
दिवंगत कार्यकर्ता की बेटी मुक्ता दाभोलकर से उनके निवास पर मुलाकात के बाद ठाकरे ने कहा, चूंकि इस हत्या में कोई सुराग नहीं मिल पाया है इसलिए शक की सुई राज्य सरकार की तरफ जाती है. इस बात के संदेह पैदा हो रहे हैं कि कहीं यह राज्य प्रायोजित हत्या तो नहीं थी.'
पुणे में अपने घर के पास सुबह की सैर पर निकले दाभोलकर को नजीदक से गोली मारी गई थी.
इस मामले में कुछ संदिग्धों के स्केच जारी करने और दर्जनों लोगों से पूछताछ के अलावा पुलिस को कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं मिल पाया है.