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जब दलाई लामा ने खुले मंच पर खींची स्वामी रामदेव की दाढ़ी, देखें VIDEO

कार्यक्रम में मुस्लिम धर्म गुरु कल्बे सादिक ने कहा कि बाबरी केस का फैसला अगर हिन्दुओं के पक्ष में आता है तो मुस्लिम समुदाय इसे खुशी से स्वीकार करेगा. साथ ही फैसला अगर मुसलमानों के पक्ष में आता है तो उन्हें विवादित जमीन हिन्दुओं को दे देनी चाहिए.

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स्वामी रामदेव और दलाई नामा
स्वामी रामदेव और दलाई नामा

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मुंबई में आयोजित वर्ल्ड पीस एंड हारमनी कॉन्क्लेव में देश और दुनिया की दिग्गज हस्तियों ने जुटकर शांति का संदेश दिया. कॉन्क्लेव में धर्म गुरु दलाई लामा और बाबा रामदेव की बीच जमकर हंसी-मजाक भी हुआ. अपने संबोधन के दौरान दलाई लामा ने बाबा रामदेव को अपने पास बुलाकर उनकी दाढ़ी पकड़ ली. साथ ही बाबा रामदेव ने भी मंच पर अपनी योग कला का प्रदर्शन किया.

कार्यक्रम में मुस्लिम धर्म गुरु कल्बे सादिक ने कहा कि बाबरी केस का फैसला अगर हिन्दुओं के पक्ष में आता है तो मुस्लिम समुदाय इसे खुशी से स्वीकार करेगा. साथ ही फैसला अगर मुसलमानों के पक्ष में आता है तो उन्हें विवादित जमीन हिन्दुओं को दे देनी चाहिए. कल्बे सादिक के इस बयान पर कॉन्क्लेव में मौजूद केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि मौलाना ने यह बयान देकर हमारा दिल जीत लिया. हर्षवर्धन ने कहा कि भगवान राम ना हिन्दू थे ना मुस्लिम, वह तो भारत की आत्मा हैं.

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संबोधन के दौरान बाबा रामदेव ने भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि चीन शांति में विश्वास नहीं रखता अगर ऐसा होता तो दलाई लामा भारत में नहीं होते. रामदेव ने कहा कि हम योग की भाषा में बात करते हैं लेकिन अगर किसी को यह भाषा नहीं समझ आती तो उसे युद्ध की भाषा में जवाब देना भी हमें आता है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया यह समझ चुकी है कि आतंकवाद और हिंसक विचार कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं. कार्यक्रम में जैन धर्म गुरु लोकेश मुनि, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के अलावा कई अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे.

 

 

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