तिब्बत की निर्वासित सरकार ने रविवार को दलाई लामा को उनके 79वें जन्मदिन पर मुबारकबाद दी.
इस मौके पर तिब्बत की निर्वासित सरकार ने इरादा जाहिर किया कि दलाई लामा के मध्यम मार्ग वाले रवैये के इस्तेमाल से चीनी सरकार के साथ तिब्बत के मुद्दे का समाधान किया जाएगा.
आध्यात्मिक नेता को दिए गए संदेश में 14वीं कशाग यानी तिब्बत की निर्वासित संसद ने अपने लोगों की दलाई लामा के प्रति एकजुटता यह कहते हुए दशाई, ‘यह तथ्य है कि तिब्बत के लोग लोहे के गोले की तरह एकजुट हैं चाहे उनकी क्षेत्रीय या धार्मिक आस्था कुछ भी क्यों न हो.’ दलाई लामा अभी ‘कालचक्र’ के सिलसिले में लेह में हैं.
14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के आमदो क्षेत्र के तक्तसर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. साल 1959 में तिब्बत छोड़ने के बाद से तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने 50 से ज्यादा देशों की यात्रा की है और वहां के राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेताओं से मुलाकात की है.
तिब्बत की निर्वासित सरकार के लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये ने कहा कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) इस साल को ‘महान 14वें दलाई लामा के वर्ष’ के तौर पर मना रहा है.