भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के बीच तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा का बड़ा बयान आया है. बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा ने कहा कि डोकलाम विवाद कोई सीरियस मुद्दा नहीं है, लेकिन दोनों देशों को एक दूसरे के पड़ोस में ही रहना है. उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे पर गलत प्रोपेगैंडा चलाया जाता है तो दोनों देशों में बात बिगड़ सकती है.
The #DalaiLama says #Doklam standoff not very serious; India and China have to live side by side
— Press Trust of India (@PTI_News) August 9, 2017
दलाई लामा बोले कि किसी भी देश को चलाने वाले उसके नागरिक ही होते हैं, एक देश में स्वतंत्र प्रेस का होना जरूरी है. हमारा तिब्बत समाज लोकतंत्र में विश्वास करता है, चीन को भी लोकतंत्र अपनाना चाहिए.
दलाई लामा ने कहा कि दोनों देशों के बीच में हिंदी-चीनी भाई-भाई ही एक अंतिम फैसला है, दोनों बड़े देश हैं और दोनों को साथ ही रहना है. उन्होंने कहा कि भारत में उन्हें एक आजादी मिलती है, मैं यहां पर काफी कुछ कर सकता हूं. जहां पर आजादी नहीं है वो जगह मुझे पसंद नहीं है.
आपको बता दें कि चीनी मीडिया लगातार डोकलाम मुद्दे पर भारत पर निशाना साध रहा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में लगातार इस प्रकार के लेख लिखे जा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि भारत लगातार चीन को युद्ध के लिए उकसा रहा है.
चीन और भूटान के बीच विवादित क्षेत्र है डोकलाम
चीन और भूटान के बीच डोकलाम एक विवादित क्षेत्र है. भारत और भूटान इसे भूटानी क्षेत्र मानते हैं. डोकलाम में 16 जून को चीनी सेना द्वारा सड़क निर्माण को लेकर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध शुरू हुआ था. डोकलाम पर स्वामित्व पर कोई फैसला न होने का हवाला देते हुए भारतीय सैनिकों ने चीन के सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था. उन्होंने कहा कि भारत के लिए सैन्य अधिकारियों को चीनी क्षेत्र में भेजना अवैध है. फिर चाहे वह भूटान की सुरक्षा चिंताओं या संरक्षण के बहाने ही क्यों न हो. भारत ने अपनी कार्रवाई के संबंध में कोई कानूनी आधार प्रदान नहीं किया है.