सुप्रीम कोर्ट के द्वारा SC/ST एक्ट में किए बदलाव के विरोध में 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के पीछे की साजिश धीरे-धीरे सामने आने लगी है. मेरठ, मुजफ्फरनगर और पश्चिम यूपी के दूसरे जिलों में जिस तरीके से आगजनी तोड़फोड़ और हिंसा हुई है. इसने योगी सरकार को बैकफूट पर ला दिया है, सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार का खुफिया तंत्र विफल था या फिर सरकार दलितों के इतने बड़े आंदोलन को नहीं भांप पाई.
हिंसा के दौरान मेरठ में बीएसपी का पूर्व विधायक योगेश वर्मा को मेरठ में अपने समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया है. योगेश वर्मा पर प्रदर्शनकारियों को उकसाने और हिंसा फैलाने के आरोप लगाए गए हैं. सोमवार देर शाम जब पुलिस ने योगेश वर्मा को उनके समर्थकों के साथ पकड़ा.
योगेश वर्मा न सिर्फ पूर्व विधायक हैं बल्कि वर्तमान में मेरठ की मेयर का पति भी है. सोमवार शाम मेरठ की एसपी ने खुद ही वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. मेरठ पुलिस को इतने बड़े हिंसा के पीछे पड़े राजनीतिक साजिश की बू आ रही है, एक बड़े समाजवादी नेता पर भी पुलिस की नजर है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही समाजवादी नेता पर भी मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएगा.
सोशल मीडिया और फोन कॉल पर भी पुलिस नजर रख रही है. पुलिस पता लगा रही है आखिर कि आखिर लाठी-डंडों हॉकी स्टिक और हथियारों के साथ दलितों के इस प्रदर्शन में कौन लोग शामिल हुए और यह भारत बंद इतना हिंसक कैसे हो गया.
मेरठ, मुजफ्फरनगर और फिरोजाबाद सहित कई जिलों में आज स्कूल बंद कर दिया गया है. कुछ जिलों में इंटरनेट भी बंद है जबकि ज्यादातर पश्चिमी यूपी में इंटरनेट की गति काफी धीमी है.
अब तक की हिंसा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 35 लोग इस हिंसा में घायल है 448 लोगों को पुलिस हिंसा फैलाने के आरोप में पकड़ा है जबकि कई हजार लोगों को नामजद किया गया है. योगी सरकार ने आदेश दिया है कि जल्द से जल्द इस हिंसा के पीछे के लोगों को चिन्हित कर पकड़ा जाए ऐसे लोगों पर पुलिस रासुका लगाने की तैयारी कर रही है.