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दंतेवाड़ा की गरमी दिल्ली में: चिदंबरम-जेटली के बीच वाकयुद्ध

छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में कल हुए नक्सली हमले की गरमी राष्ट्रीय राजधानी में साफ नजर आ रही है और सत्ताधारी मुख्य पार्टी कांग्रेस तथा मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच वाक्युद्ध छिड गया है.

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छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में कल हुए नक्सली हमले की गरमी राष्ट्रीय राजधानी में साफ नजर आ रही है और सत्ताधारी मुख्य पार्टी कांग्रेस तथा मुख्य विपक्षी दल भाजपा के बीच वाक्युद्ध छिड गया है.

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संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की नक्सल नीति की आलोचना करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने नक्सल प्रकरण पर कुछ ऐसी तस्वीर पेश करने की कोशिश की है कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृह मंत्री पी चिदंबरम के बीच सहमति का अभाव है और चिदंबरम एक घायल शहीद की तरह नजर आ रहे हैं.

भाजपा की इस आलोचना की सरकार और कांग्रेस में तीखी प्रतिक्रिया हुई और खबर है कि गृह मंत्री उनकी इस टिप्पणी से काफी नाराज है.

चिदंबरम ने कहा, ‘‘ मैंने अरूण जेटली की टिप्पणी सुनी. उन्होंने मुझे घायल शहीद बताया है जो शब्दों का गलत चयन है. मैं सभी राजनीतिक दलों विशेषकर भाजपा से अपील करूंगा कि वह इस मुद्दे पर दलगत राजनीति से उपर उठे.’’

जेटली ने यह भी आरोप लगाया है कि नक्सलवाद से निपटने में चिदंबरम को सीमित अधिकार मिले हुए हैं. इसके जवाब में चिदंबरम ने कहा, ‘‘ जहां तक नक्सलवाद से निपटने में सरकार को मिले अधिकार का सवाल है, मेरे कहने का आशय था कि केन्द्र राज्य सरकार को हर तरीके से मदद करने के लिए तैयार है चाहे अतिरिक्त अर्धसैनिक बल मुहैया कराने हों या फिर अन्य लाजिस्टिक मदद. लेकिन अंतत: नक्सलों से लडने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है.’’

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