दारुल उलूम देवबंद ने सभी मदरसों और इस्लामी संस्थानों को आदेश दिया है कि वे स्वतंत्रता दिवस पर अपनी इमारतों पर तिरंगा फहराएं और पूरे उत्साह से आजादी का जश्न मनाएं. मुसलमानों से अपने घरों पर तिरंगा फहराने की भी अपील की गई है.
दारुल उलूम देवबंद के प्रेस सचिव मौलाना अशरफ उस्मानी ने अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, 'कोई क्यों हमें अलग रखना चाहता है? ये हमारा मुल्क है, हमारी जमीन, हमारी जगह है. हम अपने वतन से प्यार करते हैं और इसे लेकर हर तरह के भ्रम को दूर कर देना चाहते हैं.'
'हैरत होती है जब लोग देशभक्ति पर करते हैं सवाल'
उन्होंने सभी मदरसों से भी तिरंगा फहराने की अपील की. उन्होंने कहा, 'कुछ लोग मानते हैं कि मदरसे आजादी के
जश्न में शरीक नहीं होते . हम कहानी का सही पहलू आपको दिखाना चाहते हैं. बहुत से मदरसे मिल-जुलकर स्वतंत्रता
दिवस मनाते हैं. बस हम इन जश्नों का दिखावा करने की जरूरत नहीं महसूस करते.'
मौलाना अशरफ उस्मानी बताया कि दारुल उलूम देवबंद के साथ जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी तिरंगा फहराने के कार्यक्रम में हिस्सा लेगा. उन्होंने कहा, 'उलेमाओं ने आजादी की लड़ाई में अहम रोल निभाया है. कांग्रेस आंशिक आजादी के लिए राजी थी, लेकिन हमने उसका विरोध किया. हमें हैरत होती है जब लोग हमारी देशभक्ति पर सवाल खड़े करते हैं.'