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देवबंदः दारुल उलूम का नया फतवा- ईद पर गले मिलना जायज नहीं

ईद को भाईचारे का त्योहार माना जाता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं और मुबारकबाद देते हैं, लेकिन इस मौके पर दारुल उलूम देवबंद ने ऐसा फतवा जारी कर दिया, जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया है. इस फतवे में दारुल उलूम ने कहा कि ईद पर गले मिलना इस्लाम के नजरिए से अच्छा नहीं हैं.

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फाइल फोटो (Courtesy- aajtak.in)
फाइल फोटो (Courtesy- aajtak.in)

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ईद-उल-फितर के असवर पर सहारनपुर के देवबंद स्थित दारुल उलूम ने नया फतवा जारी किया है, जिसको लेकर विवाद पैदा हो गया है. इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम ने अपने ताजा फतवे में कहा कि ईद के मौके पर गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं है. दारुल उलूम का यह फतवा पाकिस्तान के एक शख्स द्वारा सवाल पूछे जाने पर आया है.

पाकिस्तान के एक शख्स ने पूछा था कि अगर कोई आगे बढ़कर आए, तो क्या उससे गले मिलना चाहिए? क्या पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जीवनकाल में किए गए अमल कार्यों से यह साबित होता है कि ईद के दिन गले लगना अच्छा है? इस पर दारुल उलूम के मौलवियों ने कहा कि अगर कोई आगे बढ़कर गले मिलने की कोशिश करता है, तो उसको प्यार और विनम्रता के साथ रोक देना चाहिए. हालांकि अगर आपकी किसी से बहुत दिन बाद मुलाकात हुई हो, तो गले लगने में हर्ज नहीं है.

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दारुल उलूम ने अपने नए फतवे में मौलवियों ने कहा कि ईद-उल-फितर के मौके पर एक-दूसरे से गले मिलना इस्लाम की नजर में अच्छा नहीं है. फतवे में कहा गया कि इस दौरान इसका भी ख्याल रखा जाए कि ऐसा करते वक्त कोई विवाद की स्थिति न पैदा हो. ईद के मौके पर दारुल उलूम देवबंद का यह फतवा सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

वहीं, मंगलवार को हिंदुस्तान में ईद का चांद दिखा, तो रोजेदारों ने एक दूसरे को बधाई देने लगे. इसके बाद बुधवार को धूमधाम से ईद मनाई गई. भोपाल के शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने बुधवार को ईद मनाने का ऐलान किया. भारत में मुस्लिम समुदाय ने ईद पर देश-दुनिया में अमन-चैन की कामना की. इसके साथ ही महीने भर से चल रहा रमजान का महीना भी खत्म हो गया. 5 जून को भारत ही नहीं बल्कि इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया में भी ईद धूमधाम से मनाई जा रही है.

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