scorecardresearch
 

दावोस एक्सक्लूसिव: CAA पर बोले सद्गुरु, जहां लोग बस जलाएंगे वहां इन्वेस्टर्स कैसे आएंगे?

सद्गुरु, छात्रों के प्रदर्शन को नागरिकता संशोधन कानून से अलग देखते हैं. उनका कहना है कि पूरे देश में जो भी छात्र विरोध कर रहे हैं उन सबके मुद्दे भिन्न-भिन्न हैं. जैसे कि फीस बढ़ोतरी और पुलिस की बर्बरता. ये पूरी तरह से अलग मुद्दा है. इसे राष्ट्रीय मुद्दा मत बनाइए.

Advertisement
X
सरकार नागरिकों को CAA समझाने में असफल रही है: सद्गुरु जग्गी वासुदेव
सरकार नागरिकों को CAA समझाने में असफल रही है: सद्गुरु जग्गी वासुदेव

Advertisement

  • सोचिए ऐसे देश में कौन इंवेस्ट करना चाहेगा, जहां पर बसें जलाई जा रही हैं
  • लोगों के मन में असुरक्षा के भाव हैं, उन्हें आश्वस्त करने की जरूरत है

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर ईशा फाउंडेशन के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru) का मानना है कि सरकार लोगों को समझाने में विफल रही है. सद्गुरु कहते हैं, 'सरकार निश्चित तौर पर इस कानून के पीछे की वजह को लोगों के बीच समझाने में असफल रही है. आप प्रोटेस्ट कर रहे हैं क्योंकि आपको लग रहा है कि यह कानून आपके खिलाफ है. यह कानून हिंदू या मुस्लिम के खिलाफ नहीं है. दिक्कत यही है कि सरकार, हितकारी विषय के बारे में भी लोगों को बताने में असफल रही है.'

दरअसल जग्गी वासुदेव, स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 50वीं बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए कहा कि लोगों को CAA यानी कि नागरिकता कानून का विरोध नहीं करना चाहिए. क्योंकि ये किसी की नागरिकता खत्म करने के लिए नहीं है. बल्कि ये उन अल्पसंख्यकों को पहचान दिलाने के लिए है जो बंटवारे के बाद कहीं छिप कर जीने को मजबूर हो गए थे.

Advertisement

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'क्या CAA किसी के विरोध में है? हमलोग पड़ोसी देशों के पीड़ित अल्पसंख्यकों की बात कर रहे हैं. इसका भारत के नागरिकों और उनके संवैधानिक अधिकारों से कोई लेना-देना नहीं है. वैसे लोग जो पिछले 10-15 सालों से भारत में बिना किसी पहचान के रह रहे हैं. ये उन लोगों को पहचान दिलाने के लिए है.'

नागरिकता कानून के विरोध में हुई कई हिंसा की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए जग्गी वासुदेव ने कहा, 'सोचिए ऐसे देश में कौन इंवेस्ट करना चाहेगा, जहां पर बसें जलाई जा रही हैं. बसें किसी सरकार की नहीं हैं बल्कि हमारी हैं. देश के नागरिकों की हैं. उन्हें क्यों जला रहे हो?'

हालांकि सद्गुरु, छात्रों के प्रदर्शन को नागरिकता संशोधन कानून से अलग देखते हैं. उनका कहना है कि पूरे देश में जो भी छात्र विरोध कर रहे हैं उन सबके मुद्दे भिन्न-भिन्न हैं. जैसे कि फीस बढ़ोतरी और पुलिस की बर्बरता. ये पूरी तरह से अलग मुद्दा है. इसे राष्ट्रीय मुद्दा मत बनाइए.

सद्गुरु ने आगे कहा, 'लोग व्यथित हैं. कुछ लोगों के मन में असुरक्षा के भाव हैं. उन्हें आश्वस्त करने की जरूरत है कि उनकी नागरिकता नहीं छीनी जाएगी. लोगों को समझाने के लिए जो कुझ भी आवश्यक है वो सरकार को करना चाहिए. धार्मिक आस्था पूरी तरह से निजी विषय है. इसलिए आपको नागरिकता जाने का डर नहीं होना चाहिए.'

Advertisement
Advertisement