scorecardresearch
 

PAK उच्चायुक्त ने कहा- हमारे मुल्क ने दाऊद इब्राहिम को नहीं छुपाया

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की इंडोनेशि‍या में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम पर शि‍कंजा कसने की मांग तेज हो गई है, वहीं इन सब के बीच भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि उनके मुल्क ने दाऊद को नहीं छुपाया है.

Advertisement
X
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की इंडोनेशि‍या में गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम पर शि‍कंजा कसने की मांग तेज हो गई है, वहीं इन सब के बीच भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि उनके मुल्क ने दाऊद को नहीं छुपाया है.

Advertisement

थिंक टैंक बेंगलुरु इंटरनेशनल सेंटर और तक्षशिला इंस्टीट्यूट द्वारा बुधवार को आयोजित एक समारोह के दौरान बासित ने कहा , 'वह पाकिस्तान में नहीं है. यहां तक कि आपकी सरकार को भी उसके पते ठिकाने की पुख्ता जानकारी नहीं है. यदि आपके पास दाउद के बारे में कोई जानकारी है तो बताएं.'

'परामर्श संस्था है जमात-उद-दावा'
जमात-उद-दावा के बारे में पाकिस्तान का रुख स्पष्ट करते हुए बासित ने कहा कि यह एक परमार्थ संस्था है, लेकिन यदि कोई उचित कारण पाया जाता है तो उस पर रोक लगाई जाएगी. बासित ने कहा, 'कुल मिलाकर यह एक परमार्थ संगठन है. फिर भी हमारी चिंताएं हैं और हम करीब से नजर रखे हुए हैं. यदि कोई कारण पाया जाता है तो उस पर रोक लगायी जाएगी.'

इससे पहले अपनी बात रखते हुए बासित ने कहा कि भारत एक बड़ा देश है और ऐसे में हिंसा को समाप्त करने की जिम्मेदारी उसके कंधों पर अधिक है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ईमानदारी और गंभीरता के साथ इस लक्ष्य के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है.

Advertisement

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में 35 वर्षों की हिंसा के बाद आतंकवाद के हाथों इतना झेलने के बाद एक थकान सी आ गई है. हम वास्तव में चाहते हैं कि हिंसा समाप्त हो और हम गंभीरता व ईमानदारी से भारत के साथ काम करने को तैयार हैं, लेकिन भारत एक बड़ा देश है और इसलिए इसके कंधों पर अधिक जिम्मेदारी है.'

'न हो छोटेपन का व्यवहार'
बासित ने आगे कहा कि पाकिस्तान को छोटा करके नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि भारत-पाक के संबंध आपसी हित और सम्मान पर आधारित होने चाहिए. उन्होंने कहा, 'एक संप्रभु राष्ट्र होने के नाते हमारे साथ छोटेपन का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि आखि‍रकार हमारे जो भी संबंध हों वे आपसी हित और आपसी सम्मान पर आधारित होने चाहिए.'

कश्मीर विवाद और सिविल सोसाइटी
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उनके देश के अनुकूल माहौल का इस्तेमाल किया जाए जब उनके देश में लोकतंत्र का वजूद बना हुआ है. बासित ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच मुख्य विवाद है और दोनों देशों को वर्षों की कड़वाहट को एक दूसरे के हित साधक के रूप में बदलना चाहिए और सिविल सोसाइटी द्वारा इस दिशा में योगदान किए जाने से ही यह हो सकता है.

Advertisement

बासित ने कहा कि एक पेचीदा मुद्दे को किसी स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने में वर्षों लग सकते हैं, लेकिन अन्य मामलों को बातचीत के जरिए आगे बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'कुछ एक तत्व हैं जो नहीं चाहते कि दोनों देश आगे बढ़ें, लेकिन बहुसंख्यक लोग शांति चाहते हैं.'

बासित ने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान के साथ भी हिंसा को समाप्त करना चाहता है क्योंकि काबुल पाकिस्तान के बेहद महत्वपूर्ण राजधानी है. उन्होंने दोनों देशों के बीच कारोबार में सुधार और दक्षेस में नई जान डालने की वकालत की, जिसकी 19वीं शिखर बैठक अगले साल पाकिस्तान में होगी.

-इनपुट भाषा से

Advertisement
Advertisement