सीबीआई के पूर्व DIG नीरज कुमार ने दाऊद इब्राहिम के सरेंडर के ऑफर की बात का खंडन कर दिया है. अपने बयान से पलटते हुए उन्होंने कहा, 'मेरी दाऊद से बात होती थी. लेकिन उसने कभी सरेंडर की बात नहीं कही.'
नीरज कुमार ने दावा किया कि एक अंग्रेजी अखबार में उनकी अनौपचारिक बातचीत को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. अखबार ने नीरज कुमार का हवाला देते हुए खबर छापी थी कि 1994 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने नीरज कुमार से तीन बार फोन पर बातचीत की थी. इस दौरान दाऊद ने सरेंडर की पेशकश भी की थी.
जैसे ही खबर ने सोशल मीडिया पर ट्रेंड करना शुरू किया, तत्कालीन सीबीआई निदेशक विजय रामा राव ने फौरन इसका खंडन किया. राव ने कहा कि दाऊद ने सरेंडर की कोई पेशकश नहीं की थी. उन्होंने कहा कि दाऊद के सरेंडर के ऑफर को इनकार करने की बात सोची भी नहीं जा सकती.
अपनी किताब बेचने के लिए नीरज कुमार ने खड़ी की कॉन्ट्रोवर्सी: राव
राव ने कहा, दाऊद इब्राहिम ने सरेंडर की कोई पेशकश नहीं की थी. ऐसे किसी भी प्रस्ताव की जानकारी नहीं थी.' उन्होंने कहा, 'अगर ऐसा ऑफर आता तो उसे ठुकराने की
गुंजाइश ही नहीं थी.' उन्होंने कहा, 'नीरज किसी से बात कर रहे हैं इसकी जानकारी थी मुझे, लेकिन दाऊद ने समर्पण का ऑफर दिया था यह बात मुझे नहीं बताई गई थी.' आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में राव ने कहा, 'नीरज कुमार ने अपनी किताब बेचने के लिए ये सारा विवाद खड़ा किया है.'
आरके सिंह ने बोला UPA सरकार पर हमला
पूर्व गृह सचिव और आरा से बीजेपी के सांसद आरके सिंह ने इस मुद्दे पर पिछली UPA सरकार पर जमकर हमला बोला. आरके सिंह ने कहा कि ये बड़ी विचित्र बात है कि पिछली सरकार ने 10 साल देश में राज किया लेकिन उन्होंने दाऊद की गिरफ्तारी के लिए कोई कड़े कदम नहीं उठाए. सिंह ने कहा कि नई सरकार जब दाऊद की गिरफ्तारी को लेकर प्रयास कर रही है को विपक्ष बेवजह इस बात को दूसरी दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है. आरके सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसा कोई भी अपराधी जो विदेश फरार हो गया है, उसकी गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए, और कोई इस प्रयास में बाधा पहुंचाने की कोशिश कर रहा है तो वो सरासर गलत है.
अखबार में छपी खबर
नीरज कुमार ने दावा किया है कि उन्होंने जून 1994 में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से फोन पर तीन बार बात की थी. इस बातचीत में दाऊद ने सरेंडर की पेशकश भी की थी. गौरतलब है कि उस वक्त कुमार 1993 मुंबई ब्लास्ट की तहकीकात कर रही सीबीआई की टीम को लीड कर रहे थे. इसी दौरान उनकी मुलाकात ऑर्थर रोड जेल में बंद दाऊद के खासमखास मनीष लाला से हुई. नीरज कुमार के मुताबिक लाला ने ही उनकी दाऊस से बातचीत करवाई थी.
अंग्रेजी अखबार 'हिन्दुस्तान टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में नीरज कुमार ने कहा, 'जून 1994 में मैंने दाऊद से तीन बार बात की. वो सरेंडर करना चाहता था. लेकिन उसे डर था कि भारत आते ही उसके दुश्मन उसकी हत्या कर देंगे.' कुमार ने कहा, 'मैंने दाऊद को आश्वासन दिया कि उसकी सुरक्षा सीबीआई की जिम्मेदारी होगी.'
नीरज कुमार ने कहा कि उन्होंने डॉन के सरेंडर के ऑफर की जानकारी एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी को दी थी. लेकिन उन्हें बातचीत बंद करने को कहा गया था.
'कुछ' मंत्रियों ने रोका होगा दाऊद का प्रत्यर्पण: पीके जैन
महाराष्ट्र के पूर्व गृह सचिव पीके जैन ने नीरज कुमार के दावों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'नीरज कुमार झूठ नहीं बोल रहे हैं. दाऊद के कई मंत्रियों, नेताओं,
नौकरशाहों और पुलिस अफसरों से ताल्लुकात थे.' उन्होंने कहा, 'कुछ मंत्रियों ने ही दाऊद के प्रत्यर्पण को रोका होगा ताकि पूछताछ के दौरान उनसे जुड़े कुछ रहस्यों का
खुलासा ना हो सके.' जैन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कई बार दाऊद को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार नाकाम रही.
राम जेठमलानी ने भी किया था सरेंडर के बारे में दावा
देश मशहूर वकील और पूर्व बीजेपी नेता राम जेठमलानी भी यह दावा कर चुके हैं कि दाऊद इब्राहिम सशर्त आत्मसमर्पण करना चाहता था. जेठमलानी की मानें, तो 'दाऊद
सरेंडर के लिए तैयार था. लेकिन उसकी शर्त थी कि पूछताछ के दौरान पुलिस उसे टॉर्चर नहीं करेगी और उसे नजरबंद रखा जाएगा. पर तत्कालीन पीवी नरसिम्हा राव
सरकार को ये मंजूर नहीं था.'
नीरज कुमार की किताब में होगा 'डायलॉग विथ डॉन' का चैप्टर
नीरज कुमार इंडियन पुलिस सर्विस में अपने 37 साल के अनुभव पर एक किताब लिख रहे हैं. किताब में वो अपने टॉप 10 इंवेस्टीगेशन के बारे में लिख रहे हैं. इन्हीं में से
एक चैप्टर दाऊद इब्राहिम पर होगा जिसका नाम 'डायलॉग विथ डॉन' है. हालांकि किताब का नाम अभी तक नहीं बताया गया है. किताब इसी साल रिलीज होगी.