दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने रेप की शिकार एक 11 वर्षीय बच्ची को 25 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है. पीड़िता बालिका के साथ 2011 में 5 साल का आयु में रेप कर हत्या की कोशिश की गई थी.
बच्ची इस समय अनाधिकृत कॉलोनी में एक कमरे के मकान में अपने माता-पिता और छोटी बहन के साथ रहती है. बच्ची को स्कूल जाने के लिए 3
किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है और बच्ची के पिता की आय बमुश्किल 300 रुपये प्रतिदिन है.
DCW ने बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की और उसके उज्जवल भविष्य और संपूर्ण विकास और आगे के इलाज के लिए मदद राशि का अनुमान लगाया. DCW ने पाया कि बच्ची शारीरिक रूप से काफी कमजोर है और उसमें कुपोषण के भी लक्षण हैं. पीड़िता के पिता ने बताया कि उसके कई ऑपरेशन भी होने हैं, लेकिन पैसे न होने की वजह से पीड़िता का एमआरआई, सीटी स्कैन भी नहीं हो सका है. मुआवजा तय करते हुए इन तथ्यों को भी ध्यान में रखा गया.
मुआवजा राशि तय करने से पहले सेंट स्टीफन अस्पताल में बच्ची के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई. जांच करने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि पीड़ित बच्ची को अभी भी कई तरह की शिकायतें हैं, जबकि मनोचिकित्सक ने बच्ची की जांच के बाद पाया कि बच्ची को हर तीन महीने में काउंसलिंग की जरूरत है.
DCW की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद ने बताया, "जब किसी बच्ची के साथ रेप होता है तो कई बार पीड़िता को सदमे से निकलने में पूरी उम्र लग जाती है. वैसे तो रेप जैसी घटना का कोई मुआवजा नहीं हो सकता, फिर भी दिल्ली महिला आयोग ने बच्ची के भविष्य के लिए 25 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्णय लिया है."
इसके अलावा दिल्ली महिला आयोग की रेप क्राइसिस सेल पीड़िता का केस देखेगी. आयोग की तरफ से बच्ची के केस में निशुल्क कानूनी सलाह दी जाएगी और वकील भी दिया जाएगा. DCW की क्राइसिस इंटरवेंशन सेल की काउंसलर और स्थानीय एसडीएम हर चौथे महीने बच्ची और उसके परिवार से मिलेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मुआवजे के पैसों का सही इस्तेमाल हो रहा है.