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हंगामे और शोर के बीच शीतकालीन सत्र में GST की उम्मीदें धुंधली

वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही मौजूदा संसद सत्र के बेकार चले जाने की आशंका जता चुके हैं. जेटली के जीएसटी विधेयक के मुद्दे पर मतभेदों को दूर करने के लिए कांग्रेस नेताओं से बातचीत किए जाने के बाद भी गतिरोध बना हुआ है.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली की फाइल फोटो
वित्त मंत्री अरुण जेटली की फाइल फोटो

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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो सबसे अधिक चर्चा जीएसटी विधेयक को लेकर रही. सत्ता और विपक्ष के बीच विधेयक को लेकर बातचीत और समर्थन के लिए मान-मनव्वल का दौर भी चला, लेकिन सरकार और कांग्रेस के बीच सोमवार को भी बातचीत होने के बावजूद इस पर सहमति बनने की उम्मीदें धूमिल होती लग रही हैं.

वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही मौजूदा संसद सत्र के बेकार चले जाने की आशंका जता चुके हैं. जेटली के जीएसटी विधेयक के मुद्दे पर मतभेदों को दूर करने के लिए कांग्रेस नेताओं से बातचीत किए जाने के बाद भी गतिरोध बना हुआ है. विपक्षी दल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत बस एक मुद्दे पर सीमित नहीं हो सकती.

चला विचार-विमर्श का दौर
खास बात यह भी है कि शीतकालीन सत्र के समाप्त होने में अब महज सात दिन बाकी रह गए हैं. जेटली और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, उप नेता आनंद शर्मा और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विचार विमर्श किया.

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कांग्रेस ने की एक और बैठक की मांग
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली से बाहर होने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं ने एक और बैठक की मांग की, जिसे सरकार ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. आनंद शर्मा ने बताया, 'आज की बातचीत अधूरी रही. काम प्रगति पर है. आज कोई सिलसिलेवार बातचीत नहीं हुई. सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत सिर्फ एक मुद्दे पर सीमित नहीं रह सकती. 18 महीने तक विपक्ष से बातचीत नहीं करने के बाद सरकार अब एक विधेयक को लेकर हमसे बस एक विधेयक पर बातचीत करने को लेकर परेशान हैं. सिर्फ एक विधेयक को लेकर सरकार को इतना परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी लंबित हैं.

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर लगाया आरोप
कांग्रेस नेताओं ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान पांच वर्षों तक गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री जो अब देश के प्रधानमंत्री हैं, के विरोध के कारण यह विधेयक पारित नहीं हो पाया था.

जीएसटी पर गतिरोध के बीच अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'संसद का पिछला सत्र नहीं चला. संसद के मौजूदा सत्र के भी बेकार चले जाने की आशंका मंडरा रही है. मौजूदा सत्र में कामकाज नहीं होने देने की वजह हर घंटे बदल रही है.' उन्होंने कांग्रेस को संसद के माध्यम से देश के शासन की सांसदों की जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू के एक भाषण का उल्लेख भी किया.

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इधर से वार, उधर से पलटवार
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा, 'मैं यह देखकर निराश हूं कि संसद को बाधित करने के लिए वे कोई न कोई बहाना ढूंढ रहे हैं. हम महत्वपूर्ण मुद्दों और विधेयकों पर चर्चा नहीं कर पा रहे हैं.' दूसरी ओर, शर्मा ने इन आरापों पर पलटवार करते हुए कहा कि हम घड़ी-घड़ी नहीं बदल रहे हैं. मोदी सरकार मुद्दे पैदा कर रही है और राज्यों में हमारी सरकारों को अस्थिर कर रही है.

-इनपुट भाषा से

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