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10 साल पुराने चिकुनगुनिया ने की इस साल डेडली वापसी!

राजधानी के अस्पतालों में चिकनगुनिया से हुई 14 मौतों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकनगुनिया के वायरस की जांच और शोध की जिम्मेदारी एम्स और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को दी थी. शोध के बाद जो बात सामने आई वो काफी चौंकाने वाली है.

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2006 में भी इस वायरस ने किया था जबरदस्त अटैक
2006 में भी इस वायरस ने किया था जबरदस्त अटैक

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दिल्ली में जिस तेजी से चिकनगुनिया का वायरस फैला, जनता से लेकर सरकार तक में हड़कंप मच गया. राजधानी के अस्पतालों में चिकनगुनिया से हुई 14 मौतों के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चिकनगुनिया के वायरस की जांच और शोध की जिम्मेदारी एम्स और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को दी थी. शोध के बाद जो बात सामने आई वो काफी चौंकाने वाली है.

10 साल पुराना है ये वायरस
दरअसल चिकनगुनिया का जो वायरस दिल्ली वालों को बीमार कर रहा है वो कोई नया वायरस नहीं है. शोध में ये पाया गया कि इस बार लोगों को बीमार करने वाला वायरस दस साल पुराना यानी कि साल 2006 वाला ही वायरस है. वही वायरस है जिसके चलते 2006 के आउटब्रेक में हजारों लोग बीमार पड़े थे.

दोनों वायरस में 98 फीसदी समानता
रिपोर्ट ये भी कहती है कि इस बार इस के वायरस और साल 2006 के वायरस में 98 फीसदी समानता है. ईस्ट सेंट्रल साउथ अफ्रीकन (ईसीएसए) वायरस से ही चिकनगुनिया का संक्रमण फैला है. ये वायरस पहली बार अफ्रीका से फैला था. एम्स के वायरोलॉजी विभाग के इंचार्ज डॉ. ललित दर के मुताबिक, 'चिकनगुनिया वायरस का सिर्फ एक ही स्ट्रेन होता है, लेकिन जेनेटिक संरचना में फर्क होता है. चिकनगुनिया में 3 जीनोटाइप होते हैं लेकिन सिरोटाइप सिर्फ एक ही होता है. इसलिए इस वायरस के अटैक से अगर कोई एक बार बीमार होगा तो फिर उसे दुबारा चिकनगुनिया नहीं हो सकता. लेकिन डेंगू में चार सिरोटाइप होते हैं. इसलिए डेंगू 1, डेंगू 2, डेंगू 3 और डेंगू 4 का खतरा लगातार दिल्ली में बना रहता है.'

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10 साल पहले भी इस वायरस की चपेट में आए थे लाखों लोग
फिलहाल चिकनगुनिया वायरस पर अपनी फाइनल रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को सौंप दी है. साल 2006 में भी इस वायरस के चलते देशभर में चिकनगुनिया से 14 लाख लोग बीमार हुए थे. साल 2006 में दिल्ली में भी चिकनगुनिया के काफी ज्यादा मामले सामने आए थे. वहीं एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में चिकनगुनिया के 1070 नए मरीज सामने आए जबकि डेंगू के कुल 314 नए मामले सामने आए हैं. राजधानी में अब तक डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 1692 तक पहुंच गया है जबकि चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या 3695 तक जा पहुंची है

जोड़ों का दर्द करता है परेशान
हालांकि एम्स, सफदरजंग, आरएमएल व लोकनायक समेत दिल्ली के 12 अस्पतालों में चिकनगुनिया के 6796 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. एक्सपर्ट के मुताबिक चिकनगुनिया में राहत की बात ये है कि इसमें जान का खतरा नहीं होता है. लेकिन चिकनगुनिया में होने वाला तेज बुखार और जोड़ो में दर्द मरीज को काफी परेशान करता है.

चिकनगुनिया से मरने की आशंका कम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक हजार मरीजों में से सिर्फ एक मरीज के ही मरने की आशंका रहती है. वो भी ऐसे मरीज जो किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित हों या जिनमें रिस्क फैक्टर ज्यादा हो. चिकनगुनिया वायरस का असर अक्टूबर तक रहने की संभावना है. लिहाजा लोगों को सावधान रहने की जरुरत है.

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