बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार की सात कंपनियों को मिले 760 करोड़ के कैश लेनदेन की जांच की मांग है.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इन कंपनियों को 760 करोड़ रुपये नकद मिले हैं. अखबार के मुताबिक ईडी की नजर इस बात पर है कि इन कंपनियों के पास इतना पैसा कहां से आया.
आनंद कुमार की सबसे पुरानी 1987 में बनी कंपनी होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड को ही पिछले पांच साल में 346 करोड़ रुपये मिले हैं. ये पैसा कंपनी को निवेश की बिक्री से मिला है लेकिन न तो ये साफ है कि ये निवेश क्या था और किसे बेचा गया. इन सातों कंपनियों के डायरेक्टर आनंद कुमार हैं.
अखबार के मुताबिक रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास आनंद कुमार की कंपनियों ने जो दस्तावेज़ दिए हैं उनकी जांच से पता चलता है कि 7 में से 6 कंपनियां 2007 के बाद स्थापित की गई. याद रहे कि साल 2007 में ही मायावती पिछली बार सीएम बनी थीं.
कंपनियों की दस्तावेज़ से पता चलता है कि सिर्फ एक कंपनी का कारोबार बड़ा और बाकी छह कंपनियों का कारोबार बहुत ही कम है. इन में से एक कंपनी रियल्टर्स के एक डायरेक्टर सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा के भी हैं.
आनंद कुमार की इन कंपनियों को ज्यादातर पैसा या तो बहुत ज्यादा प्रीमियम पर शेयर बेचने से मिला, या इन कंपनियों ने थर्ड पार्टी से मिले एडवांस को ज़ब्त किया या फिर ऐसे निवेश को बेचा जिसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है.