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लोकसभा में अंबेडकर के बहाने असहिष्णुता पर सरकार-विपक्ष के बीच चले शब्दबाण

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र के पहले दिन लोकसभा में देश में गुरुवार को मनाए जा रहे पहले संविधान दिवस पर चर्चा हो रही है. चर्चा की शुरुआत करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम संविधान की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं.

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लोकसभा में संविधान दिवस पर चर्चा
लोकसभा में संविधान दिवस पर चर्चा

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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सत्र के पहले दिन लोकसभा में देश में गुरुवार को मनाए जा रहे पहले संविधान दिवस पर चर्चा हो रही है. चर्चा की शुरुआत करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम संविधान की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं. तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इशारो-इशारों में सरकार पर निशाना साधा.

राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान ने देश को एक दिशा दिखाई. इस संविधान के निर्माण में तमाम लोगों ने अपनी भूमिका निभाई और एक संतुलित समाज दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर सच्चे अर्थो में एक राष्ट्र ऋषि थे. उन्होंने संविधान के निर्माण में अपने अमूल्य योगदान से देश और समाज को एक दिशा दिखाई.

'अपमान के बावजूद कभी कड़वाहट नहीं दिखाई'
राजनाथ सिंह ने कहा कि बाबा साहब हमेशा देश हित की सोचते थे. सामाजिक तिरस्कार के बावजूद उन्होंने परिस्थितियों को बदलने के लिए लगातार काम किया और संविधान का संतुलन इसका उदाहरण है. उन्होंने कहा, 'उपेक्षा के बावजूद बाबा साहेब ने देश छोड़ने की बात कभी नहीं की और अपमान के बावजूद कभी कड़वाहट नहीं दिखाई.'

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'संकीर्ण विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं'
बाबा साहब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने कहा था, 'चाहे जो हो जाए मैं देश छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा. मैं यहीं रहूंगा और देश के नैतिक मूल्यों को मजबूत करता रहूंगा.' गृह मंत्री ने कहा कि कुछ लोग अंबेडकर को दलित नेता के रूप में प्रोजेक्ट करते हैं, लेकिन उन्हें इस संकीर्ण विचारधारा से जोड़ना ठीक नहीं है.

'सेकुलर शब्द का सबसे अधिक दुरुपयोग'
सेकुलर शब्द को लेकर लगातार हो रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि संविधान में सेकुलर शब्द का इस्तेमाल किया गया है लेकिन इसका मतलब धर्म निरपेक्ष नहीं होता. इस साफ मतलब है पंथ निरपेक्ष और इसी का इस्तेमाल होना चाहिए. सेकुलर शब्द का सबसे अधिक दुरुपयोग किया गया है.

अपने क्षेत्र में बेजोड़ थे अंबेडकर: सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा संविधान दशकों के संघर्ष का नतीजा है. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में डॉ. भीम राव अंबेडकर का काफी योगदान रहा है. वह अपने क्षेत्र में बेजोड़ रहे हैं और उन्होंने दलितों व पिछड़ों के हित के लिए काफी संघर्ष किया.

उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी तबकों को सम्मान दिया है. बाबा साहब को संविधान सभा में लाने का काम कांग्रेस ने ही किया था. उन्होंने कहा कि बाबा साहब खुद कहते थे- संविधान लागू करने वाले बुरे निकले तो संविधान बुरा ही होगा. आज संविधान पर खतरा मंडरा रहा है और जानबूझ कर उसकी आत्मा पर चोट की जा रही है. संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार दिया गया है. कुछ लोग देश का माहौल खराब कर रहे हैं.

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मौलिक आजादी भी खतरे में
सोनिया ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं निभाई वे लोग अब संविधान की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, यह खुशी का दिन है तो दुख का भी दिन है. हमारी मौलिक आजादी आज खतरे में है और लोगों पर हमले हो रहे हैं. बीते कुछ महीनों से देश में जो कुछ देखा गया है, वह संविधान के बिल्कुल विपरीत है.

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