संसद के शीतकालीन सत्र में बगैर किसी कामकाज के गुजरे दो दिन ने गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे का ध्यान भी आकर्षित किया, उन्होंने कहा कि ‘सरकार और विपक्ष के बीच स्वस्थ्य चर्चा’ होनी चाहिए.
संसद के इस सत्र में लोकपाल विधयेक पारित नहीं होने पर अपना आंदोलन दोबारा शुरू करने की चेतावनी देने वाले हजारे ने भी माना कि संसद के सामने और भी कई मुद्दे हैं.
महाराष्ट्र में अपने पैतृक गांव में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘संसद में विपक्ष और सरकार के बीच स्वस्थ चर्चाएं होनी चाहिए.’
74 वर्षीय अन्ना हजारे ने कहा, ‘नई चर्चाएं और बहस नए विचारों को जन्म देते हैं. मजबूत और कारगर लोकतंत्र के कामकाज के लिए मुद्दे पर बहस जरूर होनी चाहिए.’