दिल्ली गैंगरेप मामले के एक आरोपी के पिता ने शनिवार को स्पेशल कोर्ट से कहा कि उनका बेटा उस बस में नहीं था, जिसमें छह लोगों ने 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार किया था. आरोपी पवन गुप्ता के पिता हीरा लाल ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा कि उनका बेटा निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है.
मामले में बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर अपना बयान दर्ज कराते हुए लाल ने न्यायाधीश से कहा कि पवन ने घटना के दिन अपनी दुकान दोपहर में बंद कर दी थी और घर के लिए रवाना हो गया था.
लाल ने बताया, ‘मैंने अपनी बेटी से पवन के बारे में पूछा और उसने मुझे सूचित किया कि उनका बेटा झुग्गी (मकान) में आया था और शराब पी और चिकन खाया. उसके बाद वह डिस्ट्रिक्ट पार्क में किसी संगीत कार्यक्रम को देखने चला गया.’
लाल ने कहा, ‘उसके बाद मैं अपने रिश्तेदार की कार में बैठकर पवन को लाने के लिए डिस्ट्रिक्ट पार्क गया. एक संगीत कार्यक्रम चल रहा था और मैंने अपने बेटे को वहां बेंच पर पड़ा पाया.’ उन्होंने कहा कि पवन नशे में धुत्त था और वह चलने की स्थिति में नहीं था. वह अपने रिश्तेदार के साथ उसे उठाकर पार्क से लाए और गाड़ी में रखा.
पवन के पिता ने दावा किया, ‘यद्यपि हमने पवन के चेहरे पर पानी डाला ताकि उसे होश में लाया जा सके लेकिन वह बुरी तरह नशे में धुत्त था और 17 दिसंबर 2012 की सुबह में होश में आया.’ इससे पहले दिन में कोर्ट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराने के दौरान पवन ने दावा किया था कि वह बस में नहीं था और सह आरोपी विनय शर्मा के साथ संगीत कार्यक्रम को देखने गया था.
हालांकि, आरोपी मुकेश ने अपनी गवाही के दौरान कोर्ट से कहा था कि वह उस बस को चला रहा था जिसमें लड़की से उसके बड़े भाई राम सिंह (मृत), विनय, पवन, अक्षय ठाकुर और एक किशोर ने गैंगरेप किया था और उसके पुरुष मित्र पर बर्बर हमला किया था.
किशोर के खिलाफ अलग से किशोर न्याय बोर्ड में मुकदमा चलाया जा रहा है. मामले के तीन अन्य बचाव पक्ष के गवाहों की भी यही दलील है. हालांकि, पवन के दावे का विशेष लोक अभियोजक दायन कृष्णन ने यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपी घटना की रात बस में मौजूद था और उसके पिता तथा रिश्तेदार उसे मुकदमा से बचाने के लिए झूठी गवाही दे रहे हैं.
शुरुआत में बस चालक राम सिंह, विनय, अक्षय, पवन और मुकेश के खिलाफ चलती बस में लड़की से गैंगरेप करने के आरोप में मुकदमा चलाया जा रहा था. पीड़िता की पिछले साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के अस्पताल में इलाज कराने के दौरान मृत्यु हो गई थी.