दिल्ली उच्च न्यायालय उस जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करने के मुद्दे पर मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी, जिसमें कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों द्वारा किए गए विभिन्न सौदों की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की गई थी.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी रोहिणी और न्यायमूर्ति आर. एस. एंडलॉ की पीठ ने जनहित याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया था. उसने वकील एम. एल. शर्मा की संक्षिप्त बहस सुनने के बाद नौ जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. शर्मा ने व्यक्तिगत तौर पर यह याचिका दायर की थी.
यदि अदालत कहती है कि जनहित याचिका सुनवाई योग्य है तो वाड्रा के पक्ष को भी सुना जाएगा.
शर्मा ने कहा था कि दिल्ली में कार्रवाई की जरूरत पैदा हो गई थी, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक एवं शहरी विकास मंत्रालय जैसे विभिन्न कार्यालय और संवैधानिक संस्थाएं यहां स्थिति हैं.
उन्होंने अदालत में कहा, ‘मैं सीबीआई को पहले ही एक ज्ञापन दे चुका हूं. लेकिन उसने 2005 से 2012 के बीच सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने वाले इस मामले में ना तो प्राथमिकी दर्ज की और ना ही प्रारंभिक जांच शुरू की.’