उत्तर प्रदेश में कुछ भी सही नहीं चल रहा है. यहां से अक्सर राज्य को शर्मसार करने वाले समाचार आते रहते हैं. ताजा मामला अलीगढ़ के जिला अस्पताल का है, जहां डॉक्टरों का कारनामा सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां डॉक्टरों ने एक जिंदा व्यक्ति को मुर्दा बताकर मुर्दाघर में भेज दिया. दो दिन बाद पता चला कि असल में वह व्यक्ति जिंदा है.
जब दो दिन बाद पुलिस मुर्दाघर में पहुंची तो उसने पाया कि मुर्दा बताया गया व्यक्ति जिंदा है और उसने कपड़ों में पेशाब की हुई है. इसके बाद डॉक्टरों को बुलाया गया और उस शख्स को आईसीयू में भर्ती कराया गया. शर्मसार करने वाली यह घटना मलखान सिंह जिला अस्पताल की है. अस्पताल ने तो सारे टेस्ट करने के बाद इस शख्स के शव को पोस्टमार्टम के लिए भी भेज दिया था.
दस दिन पहले एक सड़क हादसे में घायल इस व्यक्ति को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यह व्यक्ति मूक-बधिर है, इसलिए अपना नाम व पता नहीं बता पा रहा था. इतना ही नहीं उसके साथ कोई तीमरदार भी नहीं था, जिससे अस्पताल को उसके बारे में जानकारी मिल सके.
डॉक्टरों ने इलाज करने की बजाय इस जिंदा व्यक्ति को लावारिस शवों के वार्ड में डाल दिया. 29 अगस्त को डॉक्टरों ने इस जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. जब पुलिस इस शख्स की तलाश करती हुई अस्पताल पहुंची तो वो जिंदा मिला. लेकिन तीन दिन से खाना नहीं मिलने के कारण वो मुर्दा वार्ड में बेहोश पड़ा हुआ था.
अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. आरडी खरे ने इस मामले में अस्पताल स्टाफ की लापरवाही मानी है और उन्होंने खुद भी इसकी जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.